लखनऊ
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) और स्वाति सिंह (Swati Singh) की 22 साल पहले बंधी रिश्तों की डोर का सोमवार को दुखद अंत हो गया। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह के तलाक (Divorce) पर आखिरकार अदालत की मुहर लग गई। दरअसल, बीते 20 सितंबर 2022 को पूर्व मंत्री स्वाति सिंह (Swati Singh) ने परिवारिक न्यायालय में तलाक ((Divorce)) की अर्जी दी थी। पारिवारिक न्यायालय (Family Court) के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेंद्र नाथ सिंह ने सोमवार को इस पर अब अपना आखरी फैसला सुनाया। अब दोनों के तलाक पर कोर्ट (Court) ने मुहर लगा दी है। दोनों ही अब इस रिश्ते से आजाद हो चुके हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह ने 22 साल पहले सहमति से प्रेम विवाह किया था। लेकिन प्रेम विवाह होने के बावजूद दोनों में तकरार हमेशा होती रहती थी। पिछले चार साल से दोनों एक दूसरे से अलग रह रहे थे। साल 2012 में ही परिवारिक न्यायालय में वादिनी ने तलाक के लिए अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट में तारीख के दिन ना पहुंचने पर अर्जी को खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद साल 2022 में 20 सितंबर को पूर्व मंत्री स्वाति सिंह ने दोबारा से उसी तलाक की अर्जी को आगे बढ़ाया, लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया।
आपको बता दें कि 22 साल पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रमों के दौरान दोनों के बीच मेल मिलाप शुरू हुआ था। उस दौरान दयाशकंर सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रनेता थे और स्वाति सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई कर रही थी। यहां से इनका प्रेम-प्रसंग शुरु हुआ और फिर दोनों ने आपसी सहमति से प्रेम विवाह कर लिया। दोनों ही उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले थे और दोनों ही शुरुआत से ही राजनीति में आने के इच्छुक थे। अब सभी चाहते थे कि दोनों का रिश्ता बना रहे लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अंत में सोमवार को दोनों का तलाक हो गया।