जगदलपुर
बस्तर संभाग में तेन्दूपत्ता खरीदी शुरू होने से संग्राहक परिवार में उम्मीद थी कि अधिक से अधिक मात्रा में तेन्दूपत्ता संग्रहण कर आर्थिक आय अर्जित करंगे पर मौसम खराब होने के कारण उम्मीद पर पानी फिर गया है। बस्तर के ग्रामीण अंचल में तेन्दूपत्ता संग्रहण से अतिरिक्त आय अर्जित करते हैं, इसके कारण ग्रामीणों को तेन्दूपता खरीदी शुरू होने का इंतजार रहता है। विभाग द्वारा तेन्दूपत्ता खरीदी शुरू होने के साथ ही पूरा परिवार तेन्दूपत्ता संग्रहण करने जंगल की ओर निकल पड़ता है, लेकिन मौसम खराब होने के कारण खरीदी को बंद करना पड़ा है। संग्राहकों को मौसम खुलने और तेन्दूपत्ता संग्रहण शुरू होने का इंतजार है।
बस्तर में लगातार बदलते मौसम के कारण तेन्दूपत्ता संग्राहकों को नुकसान की चिंता सता रही है, क्योंकि आगामी दिनों में भी मौसम ऐसे ही रहा तो तेन्दूपत्ता की खरीदी नहीं होगी। पिछले साल भी लगातार बस्तर में मौसम बदलते रहा और तेन्दूपत्ता की खरीदी बहुत ही कम दिन हुई। इस साल भी मौसम को देखते हुए संग्राहक पिछले साल जैसी स्थिति निर्मित होने का अनुमान लगा रहे हैं। बस्तर वन वृत्त के चार वन मंडल में 119 लॉट में तेन्दूपत्ता की खरीदी की जाती है। इस सीजन में बीजापुर वन मंडल के 45 लॉट में 45, सुकमा में 48 लॉट में 40, दंतेवाड़ा में 11 लॉट में 11 तथा जगदलपुर में 15 लॉट में 13 लॉट की अग्रिम बिक्री हो चुकी है। शेष 10 लॉट में विभागीय स्तर पर खरीदी की जानी है। पिछले साल की तुलना में इस साल तेन्दूपत्ता की अग्रिम बिक्री अधिक हो चुकी है, इसलिए विभाग को तेन्दूपत्ता खरीदी करने की चिंता कम हुई है।
ग्राम पंचायत कोरिरास के सरपंच सुनील मंडावी ने बताया कि पूर्व में 12 से 15 दिन तेंदूपत्ता खरीदी किया जाता था। जिससे सभी ग्रामीण अपना तेंदूपत्ता बेच पाते थे। विगत 4 वर्षो से मात्र 2 या 3 दिन ही पत्ता खरीदा जाता है, जिस वजह से ग्रामीण अपना तेंदूपत्ता नहीं बेंच पाते हैं।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री नंदलाल मुड़ामी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बड़ी-बड़ी वादे तो जरूर करती है पर कभी भी आदिवासियों के हित के लिए काम नहीं करती। तेंदूपत्ता संग्रहणकतार्ओं को जिस तरह से अपने घर के छत में पत्ता फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, उसका जिम्मेदार कोई अगर है तो वह कांग्रेस की भूपेश सरकार है, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।