छत्तीसगढ़

दिल्ली से पहुंची टीम ने लोकोस एप्पलीकेशन ट्रेनिंग एवं मॉडल क्लस्टर रणनीति का जायजा लिया

रायपुर

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान जिला रायपुर में एनआरएलएम की राष्ट्रीय मिशन प्रबंधन इकाई नई दिल्ली और बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन, जीडीआई संस्था एवं बिहान राज्य कार्यालय की टीम द्वारा समुदाय प्रबंधित प्रशिक्षण केंद्र सेरीखेड़ी रायपुर का विजिट किया गया।

सीएमटीसी में सामुदायिक संगठनों के लेनदेन को डिजिटल बनाने के लिए तैयार किये गए लोकोस एपलिकेशन पर ई-बुक कीपर एवं मिशन स्टाफ का ट्रेनिंग एनआरओ से आये हुए मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से करवाया गया।जिसके निरीक्षण के लिए टीम ने ट्रेनिंग में प्रतिभागियों से लोकोस एपलिकेशन के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की। इसके बाद कल्पतरु मल्टी यूटिलिटी सेंटर में संचालित विभिन्न आजीविका गतिविधयों जैसे मशरूम उत्पादन, बेकरी, हस्तकला, साबुन यूनिट, नमकीन यूनिट, हाथ करघा, सिलाई यूनिट, कैंटीन, नर्सरी , मछली एवं मोतिपालन आदि का अवलोकन कर समूहों के उत्पादों की खरीदी की गई।

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इसके बाद विकासखंड आरंग के मॉडल क्लस्टर आशा क्लस्टर संगठन चंदखुरी की कार्यकारिणी समिति की बैठक में शामिल होकर श्वष्ट सदस्यों से क्लस्टर संगठन को मानक प्रचालन प्रक्रिया के अनुसार संचालित करने, क्लस्टर में निर्णय लेने की प्रक्रिया, वित्तीय प्रबंधन, डॉक्यूमेंशन, क्लस्टर अंतर्गत संचालित आजीविका गतिविधयों, समूह के उत्पादों की मार्केटिंग, कार्यालय प्रबंधन,पदाधिकारियों के कार्य एवं जिम्मेदारियों के निर्वहन एवं बिहान योजना से जुड़कर महिलाओ के जीवन मे सामाजिक, आर्थिक और मानसिक, जीवन स्तर में आये सकारात्मक परिवर्तन के बारे में विस्तृत चर्चा कर संगठनों को आत्मनिर्भर बनने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

जिसमे सभी महिलाओ ने पूर्ण आत्मविश्वास के साथ टीम से अपने अनुभव साझा किए गए तदुपरांत भ्रमण दल द्वारा टेमरी के बिहान कैफेटेरिया(नुक्कड़ कैफे), मिलेट कैफे एवं रीपा का अवलोकन कर राज्य कार्यालय प्रस्थान कर मिशन संचालक श्री अवनीश शरण एवं संयुक्त सचिव डॉ. गौरव कुमार सिंह एवं संयुक्त मिशन संचालक श्री आरके झा के साथ मीटिंग कर अपना अनुभव एवं आगामी कार्ययोजना साझा किया गया। भ्रमण दल के सदस्यों ने बिहान अंतर्गत सामाजिक समावेशन एवं आजीविका के क्षेत्र में इंटीग्रेटेड मॉडल के साथ किये जा रहे विभिन्न प्रयासों की सराहना करते हुए इसको ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने एवं महिलाओ तथा सामुदायिक संगठनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।

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