विदेश

अफगानिस्तान की महिला कर्मचारियों को तालिबान ने देश में काम करने से रोका: संयुक्त राष्ट्र

इस्लामाबाद
अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान ने देश में संयुक्त राष्ट्र की कर्मचारियों के रूप में कार्यरत अफगानी महिलाओं के काम करने पर रोक लगा दी है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र मिशन ने उसकी महिला कर्मचारियों को पूर्वी नांगरहार प्रांत में काम करने से रोकने की खबरों पर ‘‘ गंभीर चिंता’’ व्यक्त की।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी रास्ते अपनाना जारी रखेंगे कि हम सबसे संवेदनशील लोगों, खासकर महिलाओं और लड़कियों तक कैसे पहुंच सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को ‘‘विभिन्न माध्यमों’’ से बताया गया कि प्रतिबंध पूरे देश में लागू है।

तालिबान के प्रवक्ता ने तुरंत इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है और न ही संगठन ने कोई बयान जारी किया है।

Related Articles

गौरतलब है कि तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद से महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाए हैं। लड़कियों के छठी कक्षा के बाद स्कूल जाने पर रोक है और पिछले साल तालिबान ने महिलाओं के विश्वविद्यालयों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। पार्क आदि में पुरुष के बिना महिलाएं नहीं जा सकती और महिलाओं को सिर से लेकर पैर तक खुद को ढकना अनिवार्य है।

तालिबान ने मानवीय सहायता के वितरण को बाधित करते हुए अफगानिस्तान की महिलाओं के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों के लिए काम करने पर भी रोक लगा दी गई है।

दुजारिक ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि ‘‘ इस तरह का कोई भी प्रतिबंध अस्वीकार्य और स्पष्ट रूप से समझ से परे है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह पता लगा रहे हैं कि इसका देश में हमारे कार्यक्रम पर क्या असर होगा और हम काबुल में अधिकारियों के साथ कल और बैठकें कर सकते हैं जिसमें स्थिति कुछ स्पष्ट होने की उम्मीद है।’’

दुजारिक ने कहा कि जमीनी स्तर पर जीवन बचाने वाले संयुक्त राष्ट्र के अभियानों को अंजाम देने के लिए महिला कर्मचारियों की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि करीब चार करोड़ लोगों की आबादी में से, ‘‘हम मानवतावादी सहायता के जरिए 2.3 करोड़ पुरुष, महिलाओं और बच्चों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।’’

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मिशन यूएनएएमए का नेतृत्व रोज़ा ओटुनबायेवा कर रही हैं। वह किर्गिज़ गणराज्य की पूर्व राष्ट्रपति और विदेश मंत्री रह चुकी हैं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समन्वय में महासचिव द्वारा नियुक्त किया गया था।

दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ नेतृत्व के संबंध में तालिबान ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।

 

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button