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तालिबान हिंसा के बीच अगस्‍त में होगा अफगान शांति वार्ता का नया दौर, 56 अफगान सैनिक भागकर पहुंचे पाकिस्तान

इस्‍लामाबाद/काबुल, एजेंसी। रायटर के अनुसार, अफगानिस्‍तान में तालिबान के बढ़ते प्रभुत्‍व के बीच पाकिस्‍तान की सेना ने दावा किया है कि उसकी सीमा से लगी सुरक्षा चौकियों पर तैनात 46 अफगान सैनिक तालिबान के हमले के बाद भागकर उनके यहां आ गए हैं। यह घटना चित्राल क्षेत्र की बताई गई है।

अफगान शांति वार्ता का अगला दौर अगस्त में

एएनआइ के अनुसार अफगान सरकार और तालिबान के बीच अगले दौर की शांति वार्ता अगस्त में हो सकती है। जुलाई माह के पहले सप्ताह में कतर की राजधानी दोहा में दोनों ही पक्षों की वार्ता दोबारा शुरू हुई थी। वार्ता में युद्ध विराम पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी।

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अफगान सेना की ओर से कंधार में आतंकियों पर बरसाए बम

अफगानिस्तान पर तालिबान के लगातार बढ़ते दबदबे को देखते हुए अमेरिका फिर सक्रिय हो गया है। उसने अफगान सरकार को सैन्य कार्रवाई में मदद का भरोसा दिलाया है। काबुल में तैनात अमेरिकी सेना के जनरल केनेथ एफ मैकेंजी ने कहा है कि तालिबान के ठिकानों पर उनके हवाई हमले जारी रहेंगे। इसका असर कंधार में दिखने लगा, जहां अमेरिकी विमानों ने कमजोर पड़ती अफगान सेना के पक्ष में आतंकियों पर बम बरसाए।

अफगान सैनिकों की मदद के लिए ये हवाई हमले जारी रहेंगे

काबुल में एक पत्रकार वार्ता में सेंट्रल कमांड के जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि तालिबान हिंसा की वारदातों में तेजी ला रहा है। इसी कारण अमेरिकी सेना ने कुछ दिनों से हवाई हमले बढ़ा दिए हैं। अफगान सैनिकों की मदद के लिए ये हवाई हमले अगले हफ्तों में भी जारी रहेंगे। जब मैकेंजी से पूछा गया कि क्या अमेरिकी सेना की 31 अगस्त को पूरी तरह वापसी के बाद भी हवाई हमले किए जाएंगे, उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने संभावना जताई कि मुस्लिम त्योहार निकलने के बाद तालिबान हिंसा में वृद्धि कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि शहरों पर कब्जा करने में तालिबान सक्षम हो पाएगा।

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा अफगान सेना की युद्ध रणनीति में बदलाव

ज्ञात हो कि हाल ही में अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने भी कहा था कि अफगान सेना अपनी युद्ध रणनीति को प्रभावी बना रही है। प्रांतीय राजधानी और बड़े शहरों में उसकी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो रही है। जिलों को फिर नियंत्रण में लेने का प्रयास कर रही है। एएनआइ के अनुसार, आतंकियों का खूनी खेल थम नहीं रहा है। इस बार आतंकियों ने गजनी प्रांत के मलिस्तान जिले को अपना निशाना बनाया। यहां 43 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी। इनमें सुरक्षा बल के कुछ सदस्य भी थे।

आम लोगों की हत्‍या में शामिल तालिबान

टोलो न्यूज के अनुसार ऐसी ही घटनाएं अन्य क्षेत्रों में की गई हैं। यहां के रहने वालों ने बताया कि आतंकियों ने ऐसे लोगों की हत्या की, जिनका युद्ध से कोई संबंध नहीं था। मलिस्तान में तोड़फोड़ और लूटपाट भी की गई। तालिबान के आंतरिक मंत्री ने इस नरसंहार की पुष्टि की है। आइएएनएस के अनुसार हेलमंद और बदख्शान प्रांत में अफगान सेना ने तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमले किए। हमले में 35 आतंकी मारे गए।

यूएन ने कहा, नागरिकों की हत्या में इस साल रिकार्ड वृद्धि

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में 2021 के छह माह में 5183 नागरिक हताहत हुए हैं। इनमें से 1659 नागरिकों की हत्या कर दी गई और 3254 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अमेरिका सेना वापसी की मई में घोषणा के बाद हिंसा में तेजी आई है। पिछले सालों की तुलना में हिंसा के सभी रिकार्ड टूट गए हैं। इस साल यहां नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में 47 फीसद वृद्धि दर्ज की गई है।

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