राजनीति

खुदा का नाम ले ऐसा क्या बोले केजरीवाल जिस पर निचली अदालत से हाई कोर्ट तक झटका

 नई दिल्ली 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक तरफ जहां एलजी वीके सक्सेना के साथ अधिकारों की जंग लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ उन्हें एक पुराने केस में हाई कोर्ट से झटका लगा है। 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान एक बयान को लेकर उनके खिलाफ दर्ज हुए केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक को राहत देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में केजरीवास को अब ट्रायल कोर्ट के सामने अपनी दलीलें रखनी होंगी।

दरअसल, केजरीवाल के खिलाफ यह केस यूपी के सुल्तानपुर में 2014 में दर्ज किया गया था। वोटर्स से कांग्रेस और भाजपा को वोट ना देने की अपील करते हुए केजरीवाल ने यह बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। निचली अदालत से तलब किए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने एक के बाद दूसरी अदालत का रुख किया, लेकिन हर जगह उन्हें निराशा हाथ लगी है। लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने दिल्ली के सीएम को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने खुदा के नाम पर वोटर्स को डराया। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक राज्य के मुख्यमंत्री को इस तरह की बात कहना शोभा नहीं देता है। 
 

Related Articles

दिल्ली के सीएम के खिलाफ रिप्रजेंटेशन ऑफ द पीपल ऐक्ट 1951 की धारा 125 के तहत केस दर्ज किया गया था। केजरीवाल ने एक सभा में कहा था, 'जो कांग्रेस को वोट देगा, मेरा मानना होगा, देश के साथ गद्दारी होगी। जो भाजपा को वोट देगा उसे खुदा माफ नहीं करेगा। देश के साथ गद्दारी होगी।'

ट्रायल कोर्ट ने 6 सितंबर 2014 को केजरीवाल को तलब किया था। इसके बाद आप संयोजक ने हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक का रुख किया, लेकिन उन्हें ट्रायल कोर्ट का रास्ता दिखाया गया। इसके बाद उन्होंने सुल्तानपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे अगस्त 2022 में खारिज कर दिया गया। एसीजेएम कोर्ट के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी जो अक्टूबर में खारिज हो गया। इसके बाद केजरीवाल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
 

KhabarBhoomi Desk-1

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button