खार्तूम
सूडान में सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच घातक संघर्ष में अब तक कम से कम 528 लोगों की मौत हुई है और 4,599 लोग घायल हुए हैं। सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्धविराम के विस्तार से पश्चिम दारफुर और राजधानी खार्तूम को छोड़कर देश के अधिकांश राज्यों में अपेक्षाकृत शांति आ गई है। खार्तूम में स्वास्थ्य सेवा केंद्रों की संख्या का विस्तार किया गया है और अस्पतालों के साथ संचार में सुधार किया गया है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि लोगों को सख्त जरूरत के लिए चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करने के लिए मित्र देशों और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के कई भागीदारों के साथ व्यवस्था की जा रही है।
गौरतलब है कि सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच सशस्त्र संघर्ष तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है। दुनिया के अन्य देश संघर्षग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को निकाल रहे हैं। हजारों सूडानी सुरक्षा के लिए युद्ध-ग्रस्त देश से भाग रहे हैं।
अमेरिका ने सूडान से अपने आम नागरिकों को बाहर निकालने का पहला अभियान चलाया
सूडान में जारी हिंसा के बीच अपने आम नागरिकों को वहां से बाहर निकालने के लिए अमेरिका द्वारा चलाए गए अभियान के तहत सैकड़ों अमेरिकी लोग सैन्य ड्रोन की निगरानी में पूर्वी अफ्रीकी देश के बंदरगाह पर पहुंचे।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि भू मार्ग के जरिए लोगों को बाहर निकालने के अभियान पर सेना ने अमेरिकी मानवरहित विमान के जरिए नजर रखी और बस के काफिले में 200 से 300 अमेरिकियों को अपेक्षाकृत सुरक्षित स्थल ‘पोर्ट सूडान’ पहुंचाया गया।
सूडान में फंसे अमेरिकियों को बाहर निकालने के लिए अमेरिका ने शुरुआत में कोई भी अभियान चलाने से इनकार कर दिया था और उसने इसे बहुत खतरनाक बताया था, जिसके कारण वहां रह रहे अमेरिकी परिवारों ने अपने देश के प्रशासन की निंदा की थी।
अमेरिकी विशेष अभियान बलों ने सूडान में अपने दूतावास और अन्य अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों को 22 अप्रैल को हवाई मार्ग के जरिए हिंसाग्रस्त देश से बाहर निकाला था, लेकिन वहां रह रहे हजारों अमेरिकी नागरिकों के लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया था, जिनमें से कई के पास दोहरी नागरिकता है, जबकि दर्जनों अन्य देश सूडान से वायु, थल या जल मार्ग से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए निकासी अभियान चला रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि काफिले के जरिए अमेरिकी नागरिकों, अमेरिका द्वारा नियुक्त स्थानीय लोगों और सहयोगी देशों के नागरिकों को बंदरगाह लाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिकी नागरिकों को फिर से सचेत करते हैं कि वे सूडान की यात्रा नहीं करें।’’
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी नागरिक जेद्दा में डॉक पर पहुंचेंगे, जहां अमेरिकी वाणिज्यदूतावास अधिकारी उनका इंतजार कर रहे होंगे, लेकिन ‘पोर्ट सूडान’ में कोई अमेरिकी कर्मचारी नहीं है।