छत्तीसगढ़

रायपुर के दिव्य दरबार में आने नागपुर में एफआईआर कराने वालों को शास्त्री जी ने दी चुनौती

रायपुर

नागपुर की जनजागृति प्रचार-प्रसार समिति के सहअध्यक्ष श्याम मानव को बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने 20 व 21 जनवरी को रायपुर के दही हाण्डी मैदान में होने वाले दिव्य दरबार में आने का न्यौता देते हुए एक प्रकार से खुली चुनौती दे दी है। उन्होने यहां तक कह दिया कि उनके आने और जाने का खर्च भी वे उठाने को तैयार हैं। शिक्षा में अगर रामचरित मानस को शामिल कर लिया जाता है तो देश और समाज में इसका जरुर देखने को मिलेगा।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि धर्मांतरण रोकने के लिए वे हमेशा खड़े रहते है। पिछले दिनों दमोह के वनवासी क्षेत्र में ईसाई मिशनरी द्वारा लोगों को धर्मांतरण करवाया जा रहा था, वहां पहुंचकर उन्होंने 107 परिवारों को फिर से उनके मूल धर्म में वापस लाया। धर्मांतरण कराने के लिए मिशनरी के लोग भोले-भाले लोगों को अपने झांसे में लेते है और प्रलोभन देकर अपने धर्म में शामिल करवा लेते है। अपने धर्म में मरना उन्हें मंजूर है लेकिन दूसरे धर्म वे कभी नहीं अपनाएंगे। आज जो धर्मपरिवर्तन हो रहा है और उसी का नतीजा है कि आफताफ जैसे आंतकवादी पैदा हो रहे है। इसलिए सनातन धर्म को गिराने के लिए बड़ी-बड़ी मिशनरी लगी हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत में दरगाह में चादर चढ़ाना, चर्च में कैंडल चलाना जायज है लेकिन क्या भगवान हनुमान जी की कथाओं को जन-जन तक पहुंचाना गलत हैं।

उन्होंने कहा कि वे कोई संत नहीं है, भगवान बालाजी की कृपा उन पर हैं और वे उनके शिष्य है। उनके शिष्य होने के नाते वे दिव्य दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं का हल रहे है, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी है जो उनके विरोध है। पर वे उन्हें अपना विरोधी नहीं मानते हैं। वे कोई चत्मकारी भी नहीं है, भगवान बालाजी की कृपा से पीड़ित लोगों की समस्याओंं को हल करते है इसके लिए वे किसी से न तो कोई शुल्क लेते है, बस दिव्य दरबार में अर्जी लगानी पड़ती है। नागपुर की जादू-टोना विरोधी नियम जनजागृति प्रचार-प्रसार समिति के सहअध्यक्ष श्याम मानव ने उन्हें भगोड़ा करार देते हुए एफआईआर दर्ज कराया है, वे भगोड़ा नहीं है अभी वर्तमान में जहां पर भी कथा होने वाली है और हो रहा है वहां पर दो दिन की कटौती की है। नागपुर में होने वाली कथा में भी दो दिन की कटौती की गई थी, अगर वे इतने ही सच्चे है तो वहां के दिव्य दरबार में वे क्यों नहीं आए, जब कथा चल रही थी तब क्यों नहीं आकर अपनी बात रखी। अब मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि रायपुर में 20 व 21 जनवरी को होने वाले दिव्य दरबार में वे आकर देखें, मैं आने, जाने और रुकने का खर्च उठाने के लिए तैयार हूं। वे कोई जादू-टोना नहीं फैला रहे है, भगवान बालाजी की कृपा उन पर हैं और उन्हीं की कृपा से वे लोगों की समस्याओं का हल कर रहे हैं।

KhabarBhoomi Desk-1

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