
वाशिंगटन, एएनआइ। कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में भारत अमेरिका का रणनीतिक साझीदार है। और इस लड़ाई में अमेरिका भारत की मदद करने जा रहा है।बाइडन के प्रशासन से अतिरिक्त वैक्सीनों को भारत के साथ साझा करने जा रहा है। इस बीच, अमेरिका की एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा कि भारत के साथ हम क्वाड(QUAD) का हिस्सा हैं, जिसके माध्यम से हम भारत में कोरोना वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारत को अमेरिका से अतिरिक्त टीके मिलेंगे।
इससे पहले अमेरिका के वरिष्ठ सांसदों ने कहा था कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ जंग में भारत अमेरिका का रणनीतिक साझीदार है और इस लड़ाई में अमेरिका को भारत की मदद करनी चाहिए। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से अतिरिक्त वैक्सीनों को भारत के साथ साझा करने का आग्रह किया है।
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद क्वाड देशों (आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका) के दक्षिणपूर्व एशिया में वर्ष 2022 तक एक अरब कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराने का लक्ष्य अभी भी पटरी पर है।
अमेरिका इस महीने के अंत तक आठ करोड़ खुराक उपहार स्वरूप देने की घोषणा पहले ही कर चुका है। इस घोषणा से भारत भी लाभान्वित होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा वाली 50 करोड़ फाइजर वैक्सीन खुराकों में से 20 करोड़ इसी साल 100 देशों को भेजी जाएंगी, जबकि बाकी की 30 करोड़ अगले साल 2022 के मध्य तक दी जाएंगी। ये सभी वैक्सीन खुराक विश्व स्वास्थ्य संगठन की अगुआई में बने कोवैक्स अलायंस के जरिये दी जाएंगी। मानवीय सहायता से जुड़े संगठनों ने जी 7 की इस घोषणा का स्वागत किया है। लेकिन यह भी कहा है कि उन्हें इससे ज्यादा मदद की उम्मीद थी। गरीब देशों को इससे ज्यादा मदद की जरूरत है।