नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश भर में 100 स्वस्थ और स्वच्छ फूड स्ट्रीट को विकसित करने के लिए 'फूड स्ट्रीट प्रोजेक्ट' की समीक्षा की।
इस परियोजना का उद्देश्य खाद्य व्यवसायों और उनके बीच सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य प्रथाओं को प्रोत्साहित करना है। इसके साथ इसका उद्देश्य खान पान जनित बीमारियों को कम करना और समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना है।
मंत्रालय के मुताबिक खाद्य सड़कों को चालू करने के लिए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) देश भर में विभिन्न स्थानों पर 100 ऐसी खाद्य सड़कों का समर्थन करने के लिए एक पायलट परियोजना के रूप में प्रति खाद्य स्ट्रीट एक करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगा। अनुदान एनएचएम के तहत 60:40 या 90:10 के अनुपात में इस शर्त के साथ दिया जाएगा कि इन फूड स्ट्रीट्स की ब्रांडिंग एफएसएसएआई दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी।
वित्तीय सहायता इन मानकों पर खरा उतरने पर दी जाएगी जिसमें सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था, हाथ धोने, शौचालय सुविधाओं, सामान्य क्षेत्रों के टाइल वाले फर्श, उचित तरल और ठोस अपशिष्ट निपटान, उचित तरल और ठोस अपशिष्ट निपटान,सामान्य भंडारण स्थान, प्रकाश व्यवस्था, विशिष्ट प्रकार के ट्रेडों के लिए विशेष गाड़ियां, ब्रांडिंग आदि शामिल होंगे।
यह योजना एफएसएसएआई की तकनीकी सहायता के साथ आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के सहयोग से लागू की जाएगी। तकनीकी सहायता में खाने पीने की गली (फूड स्ट्रीट) के डिजाइन में सहायता, एक एसओपी तैयार करना और जोखिम विश्लेषण और महत्वपूर्ण नियंत्रण बिंदु (एचएसीसीपी) प्रोटोकॉल के तहत प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल होगा।