छत्तीसगढ़

खुलासा : नक्सली मरकम ने कहा नक्सली नेता नहीं चाहते कि कोई भी सदस्य भावनात्मक रूप से अपनी संतान से जुड़े, इसलिए ‘नसबंदी’ करवा दी जाती है

जगदलपुर

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में गृहमंत्री अमित शाह के साथ मिलने आए पूर्व नक्सलियों ने नक्सली नेताओं के बारे में कई खुलासे किए हैं. उनका कहना है कि यदि कोई नक्सल कैडर शादी करना चाहता है, तो उसे पहले नसबंदी करवानी पड़ती है. माओवादी शब्दावली में नसबंदी एक बहुत ही आम शब्द है. शादी से वरिष्ठ सीपीआई (माओवादी) नेताओं के निर्देश पर इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

तेलंगाना के एक पूर्व नक्सली को शादी से पहले नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरने का निर्देश दिया गया था. कई साल बाद जब उसने सरेंडर किया, तो प्रक्रिया को उलटने के लिए दूसरी सर्जरी करवाई. इसके बाद एक लड़के का पिता बन पाया. ज्यादातर नक्सली सरेंडर के बाद इसी तरह परिवार शुरू करने के लिए प्रक्रिया को चुनते हैं.  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसके प्रभाव से अवगत कराया गया.

Related Articles

पूर्व नक्सली ने बताया, "जब मैं सीपीआई (माओवादी) का सदस्य था, तो मुझे शादी से पहले नसबंदी करवानी पड़ी. लेकिन जब मैं सरेंडर के बाद मुख्यधारा में शामिल हो गया, तो मैंने एक ऑपरेशन करवाया ताकि मैं पिता बन सकूं. दूसरे ऑपरेशन के बाद, मैं एक बच्चे का पिता बन गया." दरअसल, नक्सल नेताओं के बीच ये धारणा है कि बच्चे पैदा होने के बाद उनके कैडर के लोग परिवार के मोह में पड़ जाएंगे.

इस वजह से नक्सल आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा. इस बात की भी आशंका है कि शादी करने वाले कैडर आंदोलन से मुंह मोड़ सकते हैं. नतीजतन, शादी करने वाले किसी भी कैडर के लिए नसबंदी अनिवार्य है. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मरकम दुला ने कहा कि नक्सली नेता नहीं चाहते कि कोई भी सदस्य भावनात्मक रूप से अपनी संतान से जुड़े, इसलिए 'नसबंदी' करवा दी जाती है.

ओडिशा के मलकानगिरी के एक पूर्व माओवादी ने भी ऐसी ही कहानी साझा की है. सुकांति मारी ने कहा, "मेरे साथी कैडर से शादी करने से पहले उसे 'नसबंदी' करवानी पड़ी." उसके पति को पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया. इसके बाद में उसने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इस बातचीत के दौरान अमित शाह ने कहा कि वो इस बात से बेहद संतुष्ट हैं कि युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर हथियार डाल रहे हैं.

उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि उनका पुनर्वास सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, "मैं नक्सलियों से अपील करता हूं कि कृपया आगे आएं. हथियार छोड़ दें, आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में शामिल हों. आपका पुनर्वास हमारी जिम्मेदारी है." केंद्र ने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों और नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति बनाई है.

 

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button