Breaking Newsराजनीति

वीर सावरकर पर की गई कथित टिप्पणी को लेकर अदालत में सबूत देंगे राहुल गांधी मिली मंजूरी

पुणे
पुणे की एक अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दी है। अदालत ने उनके उस आवेदन को मंजूर कर लिया है जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर की गई कथित टिप्पणी को लेकर दर्ज आपराधिक मानहानि के मुकदमे को समन मुकदमे में बदलने की गुजारिश की थी। इस फैसले के बाद अब केस में ऐतिहासिक साक्ष्यों को लेकर गहन बहस होगी।

यह मामला पुणे में सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की विशेष अदालत में चल रहा है, जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमोल शिंदे ने सोमवार को ये आदेश जारी किया। राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने कोर्ट से अपील की थी कि ये मामला सिर्फ व्यक्तिगत मानहानि का नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक विवाद है, जिसपर तथ्य और साक्ष्यों के साथ गंभीरता से चर्चा जरूरी है।
मालमे पर कोर्ट ने क्या कहा?

अदालत ने भी माना कि यह केस प्रथम दृष्टया समन मुकदमे की श्रेणी में आता है क्योंकि इसमें आरोपी ने कई जटिल मुद्दे उठाए हैं जिनका हल ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर ही निकाला जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि यदि इसे संक्षिप्त मुकदमे के तौर पर चलाया गया, तो ना सिर्फ ऐतिहासिक सच्चाई पर पर्दा पड़ेगा बल्कि आरोपी को अपना पक्ष रखने का उचित अवसर भी नहीं मिलेगा।
क्या था मामला?

Related Articles

इस मामले की जड़ मार्च 2023 की उस टिप्पणी में है, जो राहुल गांधी ने लंदन में एक भाषण के दौरान दी थी। उन्होंने दावा किया था कि वीर सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके कुछ साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें इस पर खुशी महसूस हुई थी। इस बयान को सावरकर के रिश्ते के पोते सत्यकी सावरकर ने झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए पुणे कोर्ट में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायतकर्ता के वकील संग्राम कोल्हटकर ने अदालत में आरोप लगाया कि राहुल गांधी जानबूझकर मामले को लंबा खींचना चाहते हैं, लेकिन अदालत ने साफ कहा कि न्याय की खातिर सच्चाई तक पहुंचना जरूरी है और इसके लिए समन मुकदमा ही उपयुक्त रास्ता होगा।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button