जगदलपुर
रावघाट रेल परियोजना का काम पिछले कई वर्षों से अधूरे पड़े काम को शुरू करवाने रेल आंदोलन के सदस्य लगातार आवाज उठा रहे हैं लेकिन जिम्मेदार इस काम को पूरा करवाने कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। रेल आंदोलन के सदस्यों का कहना है कि रेल मंत्रालय या फिर केंद्र सरकार की तरफ से काम शुरू करने कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
जिसे लेकर अब 9 मई को बस्तर बंद का आयोजन किया गया है। बस्तर बंद को सफल बनाने के लिए रेल आंदोलन के सदस्य लगातार जनजागरूकता अभियान चला रहे हैं, व्यापारियों ने तथा बस्तर चेंबर आफ कामर्स ने बंद का समर्थन किया है। रेल आंदोलन के सदस्यों का कहना है कि फिलहाल बस्तर बंद का आह्वान किया गया है। यदि फिर भी रेलवे के द्वारा काम शुरू नहीं किया गया तो फिर अनिश्चित कालीन रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।
रेल आंदोलन के सदस्य संपत झा ने कहा कि बजट में रेल लाइन को मंजूरी दी जा चुकी है। लेकिन फिर भी जगदलपुर-रावघाट परियोजना का काम अधूरा पड़ा है। काम को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। उन्होने बताया कि रेल आंदोलन के सदस्यों ने ओडिशा में रेल मंत्री स मुलाकात कर अधूरे परियोजना को पूरा करवाने करवाने के लिए कहा गया था, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं किया गया है।
उन्होने कहा कि रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन का बजट भी सिर्फ कागजों में ही है जबकि जगदलपुर-किरंदुल एवं जगदलपुर-कोरापुट रेललाइन दोहरीकरण के लिए रेल विभाग जमीन पर उतरकर काम कर रहे हैं। बस्तरवासियों के लिए रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग को लेकर कुछ महीने पहले अंतागढ़ से जगदलपुर तक पैदल यात्रा भी किए थे लेकिन इसका भी कोई असर नही पड़ा। बस्तर बंद के बाद अब रेल आंदोलन रेल रोको की ओर अग्रसर होगा, तब आर-पार की लड़ाई होगी।