मध्यप्रदेश

उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए पुलिस ने शुरू की तैयारियां

 उज्जैन

 में वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए अन्य विभागों के साथ-साथ पुलिस ने भी अपनी तैयारियां प्रारंभ दी हैं। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें निर्देश दिए गए कि विदेश आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष दल तैनात किया जाए।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मेले की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, और फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाए। मेला क्षेत्र में मोबाइल पुलिस चौकियां स्थापित की जाएं। 24 घंटे पुलिस गश्त रहेगी और एंटी-टेरर स्क्वाड तथा बम निरोधक दस्ते को भी तैनात किया जाएं। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए टीम हर समय तैयार रखें।

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बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं को विशेष प्राथमिकता

बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता दी जाए। मेला क्षेत्र को विभिन्न सेक्टर में विभाजित किया जाए और प्रत्येक सेक्टर में एक प्रभारी अधिकारी तैनात होगा, जो सुरक्षा व्यवस्थाओं की निगरानी करेगा।

यातायात को नियंत्रित करने के लिए उज्जैन के पास के जिलों को भी शामिल करके विस्तृत योजना बनाई जाए। सिटी बसों के साथ-साथ ई-रिक्शा की भी व्यवस्था की जाएगी। रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन भी उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।

हेल्पलाइन नंबर भी होगा जारी

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पुलिस प्रशासन इस बार श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगा, जो 24 घंटे सक्रिय रहेगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष हेल्पडेस्क और बाल सुरक्षा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई जाएगी।

भीड़ के मूवमेंट का विशेष ध्यान रखें

विभिन्न सिंहस्थ के समय सेवा दे चुके सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों को भी अपने अनुभव साझा करने के लिए बैठक में बुलाया गया। सेवानिवृत्त आईपीएस सरबजीत सिंह ने भीड़ के मूवमेंट का विशेष ध्यान के साथ ही टेली कम्यूनिकेशन में नवीन तकनीक का प्रयोग सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

वहीं, विशेष पुलिस महानिदेशक उपेन्द्र जैन ने बताया कि सभी विभागों से पुलिस का अच्छा समन्वय होना चाहिए। इससे काम काफी आसान हो जाता है। सेवानिवृत्त अधिकारी मनोहर वर्मा ने स्नान घाट की अच्छे से योजना बनाने के साथ यातायात प्रबंधन, महिला और बच्चों की सुरक्षा के लिए उज्जैन के पड़ोसी जिलों को भी कार्ययोजना में शामिल करने का सुझाव दिया।

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