मध्यप्रदेश

पौध-रोपण रस्मी नहीं संकल्प बनना चाहिए : मुख्यमंत्री चौहान

पर्यावरण-संरक्षण के कार्य की निरंतरता जरूरी
विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री के साथ संस्थाओं, एनसीसी, एनएसएस और रहवासी संघों ने लगाए पौधे
राजाभोज विमान तल के निकट मियावाकी पद्धति से 311 पौध रोपे गए

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पौध-रोपण रस्मी नहीं संकल्प बनना चाहिए। पौधे लगा कर हम धरती बचाने के साथ अपनी साँसों का इन्तजाम भी करते हैं। मुख्यमंत्री ने नागरिकों का आहवान किया कि पौधे लगाएँ और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी लें। मुख्यमंत्री चौहान ने राजा भोज विमानतल के निकट विश्व पर्यावरण दिवस पर पौध-रोपण के बाद यह बात कही। मुख्यमंत्री के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, रहवासी संघों, गायत्री परिवार, स्काउट- गाइड, एनसीसी, एनएसएस के कैडेट्स और नागरिकों ने पौधे रोपे। मियावाकी पद्धति से 311 पौधे रोपे गए। इनमें शीशम, अमलतास, पीपल, गूलर जैसे बड़े वृक्षों के पौधे और झाड़ी नुमा वृक्षों के पौधे भी शामिल थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भौतिकता के लिए धरती माँ से अन्याय किया गया है। धरती माता के अंधाधुंध शोषण के परिणामस्वरूप मौसम चक्र बदला है। हम अपनी जीवन-शैली में थोड़ा सा बदलाव कर और पौधे लगा कर धरती की सेहत को बेहतर कर सकते हैं। हमें अपने जन्म-दिवस, विवाह वर्षगाँठ, परिजन की स्मृति और अपनी उपलब्धियों पर पौधे लगाने को अपनी आदत बनाना होगा। साथ ही बिजली, पानी की बचत और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने का संकल्प लेकर भी हम पर्यावरण-संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उत्साह और सकरात्मक सोच के साथ पर्यावरण-संरक्षण के लिए कार्य की निरंतरता बनाए रखना जरूरी है।

 

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