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PFI ने संगठन को भंग करने का एलान किया, कहा- केंद्र का फैसला हमें स्वीकार

आतंकवाद के लिए अपनी जीरो टोलेरेंस नीति पर काम करते हुए पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने UAPA के तहत पांच साल की अवधि के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी कर दी गई है।  अब इस मामले पर कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।

पीएफआई ने संगठन पर पाबंदी के केंद्र के फैसले को स्वीकारा

पीएफआई ने संगठन पर पाबंदी के केंद्र के फैसले को स्वीकार करने की बात कही है। पीएफआई के केरल प्रदेश महासचिव अब्दुल सत्तार ने कहा कि सभी पीएफआई सदस्यों और जनता को सूचित किया जाता है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को भंग कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है। हमारे महान देश के कानून का पालन करने वाले नागरिकों के रूप में संगठन निर्णय को स्वीकार करता है। 

PFI की सोच सही नहीं लेकिन उसपर प्रतिबंध गलत: ओवैसी

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि  PFI की सोच का हम पहले से विरोध करते आए हैं लेकिन इसपर प्रतिबंध बिल्कुल गलत है। उन्होंने आगे कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों पर बैन कब लगेगा? उन्हें संरक्षण क्यों दिया जा रहा है? 

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