छत्तीसगढ़बिलासपुर

आरक्षण मामल में मुख्य सचिव के खिला याचिका,हाईकोर्ट में आदिवासी समाज ने दायर की पिटिशन

रायपुर। आरक्षण की स्थिति को लेकर मुख्य सचिव अमिताभ जैन और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह के खिलाफ याचिका दायर की है। आदिवासी समाज के मनोज कुमार मरावी ने दोनों अफसरों पर न्यायालय की अवमानना की याचिका दायर की है। फिलहाल याचिका का स्वीकार होना बचा है।

याचिकाकाकर्ता की ओर से बताया गया कि दोनों अफसरों ने उच्च न्यायालय के फैसले के उलट रिजर्वेशन रोस्टर चलाया। इसके जरिये अनुसूचित जाति को 16%, अनुसूचित जनजाति को 20% और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण देने की बात थी। उनकी समझ में यह रोस्टर गैर कानूनी है। इसलिए उन्होंने सोमवार को अधिवक्ता प्रियासदीप सिंह के जरिये यह याचिका दायर की है।

बता दें कि चिकित्सा शिक्षा संचालक ने 9 अक्टूबर को नया रोस्टर जारी किया था। यह रोस्टर मेडिकल में प्रवेश के लिए दिया गया था। इससे पहले उच्चतम न्यायालय में आरक्षण फैसले के खिलाफ गये एक याचिकाकर्ता योगेश ठाकुर ने राज्य सरकार को अवमानना का लीगल नोटिस भेजा था।

अधिवक्ता जॉर्ज थॉमस के जरिये यह लीगल नोटिस मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव और विधि एवं विधायी कार्य विभाग के सचिव काे भेजा गया। इसमें साफ किया गया था कि बिलासपुर उच्च न्यायालय के 19 सितम्बर के फैसले से फिलहाल नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण पूरी तरह खत्म हो गया है।

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