
इस्लामाबाद (एएफपी)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कोरोना महामारी की चौथी लहर का डर बना हुआ है। ऐसा कोरोना वायरस में हो रहे बदलावों की वजह से कहा जा रहा है। सिंध की जनसंख्या एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्री डॉक्टर अजरा फजल पेचूहो ने एक बैठक के दौरान इसकी जानकारी देते हुए पूरे प्रांत में वैक्सीनेशन प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया है। बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि सिंध प्रांत में कोरोना महामारी की चौथी लहर आने का खतरा है।
डॉक्टर अजल ने चिंता व्यक्त की है देश में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) के मिलने से एक बार फिर प्रांत ही नहीं पूरे देश की स्थिति बेहद खराब हो सकती है। इसका असर देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ सकता है और ये चरमरा सकती है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूंख्वां में डेल्टा वैरिएंट का मामला सामने आने की पुष्टि हुई है।
आपको बता दें कि डेल्टा वैरिएंट का पता पहली बार भारत में ही चला था। इसके बाद 60 से अधिक देशों में इस वैरिएंट के सामने आने की पुष्टि हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस वैरिएंट को काफी खतरनाक बता चुका है। ब्रिटेन में इस वैरिएंट के कई मरीज मिलने के बाद संक्रमण के मामलों में भी काफी तेजी से उछाल आया है। यहां नए आने वाले मामलों में करीब 60 फीसद डेल्टा वैरिएंट के ही हैं। इसके अलावा अमेरिका के छह फीसद नए मामलों में भी इसी वैरिएंट को पाया गया है
डॉक्टर अजल ने प्रांत की सभी एजेंसियों से चौथी लहर की आशंका के मद्देनजर औद्योगिक क्षेत्रों में टीकाकरण को आगे बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि यदि प्रांत में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते हैं तो सरकार लॉकडाउन लगाने से भी पीछे नहीं हटेगी। इस स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि सभी का टीकाकरण तेजी से किया जाए। उन्होंने प्रांत के सभी अधिकारियों को कोरोना वैक्सीनेशन के अलावा पोलियो अभियान का भी लक्ष्य निर्धारित करने और तेजी से काम करने के आदेश दिए हैं। आदेश में ये भी कहा गया है कि यदि पोलियो वैक्सीनेशन के दौरान किसी घर में बच्चा न भी मिले तो वहां पर तब तक जाएं जब तक उसको वैक्सीनेट न कर दिया जाए।
प्रांतीय सरकार के फिलहाल उन्हीं कंपनियों को खोलने का आदेश दिया है जहां पर पूरे स्टाफ को कोरोना वैक्सीन की खुराक दे दी गई है। डॉक्टर अजल ने अधिकारियों से वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए नादरा में वैक्सीनेशन सेंटर खोलने और वहां के मेडिकल और पेरामेडिकल के फाइनल ईयर स्टूडेंट्स की इस काम में मदद लेने का भी आदेश दिया है। सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि जो अधिकारी अपने लक्ष्य से पीछे रहेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।