मध्यप्रदेश

अब पच्चीस करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने के लिए वित्त विभाग की अनुमति लेना जरूरी होगी

भोपाल

वित्तीय वर्ष 2023-24 में  निर्माण कार्य विभाग, वन विभाग सहित केन्द्र सहायतित योजनाओं के लिए पच्चीस करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने के लिए वित्त विभाग की अनुमति लेना जरूरी होगी। कुछ मदों को इसमें छूट दी गई है।

संचालक बजट आईरिन सिंथिया ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और सभी बजट नियंत्रण अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए है।

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इन मदों में वित्त विभाग की अनुमति जरूरी नहीं
पूंजीगत मदों से जुड़े खर्चे, पंद्रहवे वित्त आयोग के केन्द्र से प्राप्ति के बाद आहरण, मध्यप्रदेश वेट अधिनियम के तहत देय वापसियों से संबंधित आहरण, भू अर्जन से संबंधित राशि एवं वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वन भूमि के व्यवपर्तन के लिए आवश्यक आहरण के लिए वित्त विभाग की अनुमति जरूरी नहीं होगी।

नियमों का करना होगा पालन
सभी प्रकार के देयकों के आहरण सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के अधीन रहेंगे। प्रशासकीय विभाग को यह सुनिश्चित कराना होगा कि सभी प्रकार के आहरण में वित्तीय अधिकरों की पुस्तिका, प्रत्यायोजित अधिकारों और नियमों का पालन करते हुस स्वीकृति के आदेश जारी किए जाए। वित्त विभाग से अनुमति के लिए दिए जाने वाले प्रस्तावों में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के आदेश, आहरण संवितरण अधिकारी का नाम, कोषालय का नाम, बजट प्रावधान और शेष आवंटन का प्रमाणीकरण और राशि आहरण कर बैंक खाते में नहीं रखे जाने का प्रमाणपत्र भी देना होगा।

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