न्यूयॉर्क
न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चेन ने शुक्रवार (3 जनवरी) को घोषणा की कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 10 जनवरी 2025 को सजा सुनाई जाएगी, जो उनके शपथ ग्रहण से 10 दिन पहले होगी. AFP की रिपोर्ट के मुताबिक ये सजा हश मनी के उस मामले से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे. इस पर मर्चेन ने संकेत दिया कि वे ट्रंप को जेल की सजा देने के पक्ष में नहीं हैं और बिना शर्त रिहाई की ओर झुकाव दिखाया है. इसका मतलब है कि ट्रंप किसी शर्त के अधीन नहीं होंगे, लेकिन वे दोषी के रूप में व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे.
78 वर्षीय ट्रंप को 34 मामलों में दोषी ठहराया गया था, जिनमें 2016 के चुनाव से पहले पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए पैसे का भुगतान करने के लिए व्यवसाय रिकॉर्ड में हेराफेरी शामिल है. ट्रंप को चार साल तक की जेल की सजा हो सकती है, लेकिन कानूनी विशेषज्ञों को उम्मीद है कि उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा. ट्रंप ने इस मामले में अपील करने की योजना बनाई है, जिससे सजा में देरी हो सकती है. ट्रंप के वकीलों ने इसे सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले और अन्य न्यायिक निर्णयों के आधार पर खारिज करने की मांग की थी, जिसमें कहा गया था कि पूर्व राष्ट्रपतियों को पद पर रहते हुए कई आधिकारिक कृत्यों के लिए अभियोजन से छूट प्राप्त है.
शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप को मिल जाएगी छूट
हालांकि, न्यायाधीश ने इस तर्क को खारिज कर दिया लेकिन कहा कि शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप को अभियोजन से छूट मिल जाएगी. ट्रंप के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने इस सजा के फैसले की आलोचना की और इसे सुप्रीम कोर्ट के प्रतिरक्षा निर्णय का उल्लंघन बताया. चेउंग ने कहा कि यह मामला कभी लाया ही नहीं जाना चाहिए था और इसे तुरंत खारिज किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप तब तक लड़ते रहेंगे जब तक ये सभी मामले खत्म नहीं हो जाते.
दो संघीय मामलों का सामना कर रहे ट्रंप
ट्रंप अभी भी विशेष वकील जैक स्मिथ द्वारा लाए गए दो संघीय मामलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन उन मामलों को न्याय विभाग की नीति के तहत खारिज कर दिया गया, जो एक बैठे राष्ट्रपति पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं देती है. ट्रंप पर 2020 के चुनाव परिणामों को पलटने की साजिश और गोपनीय दस्तावेज हटाने के आरोप भी लगे हैं, लेकिन राष्ट्रपति के रूप में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन मामलों को बंद कर दिया जाएगा.
राष्ट्रपति के आपराधिक अभियोजन के संबंध में कानून
अमेरिकी संविधान में राष्ट्रपति के आपराधिक अभियोजन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से यह नहीं माना है कि राष्ट्रपति को अभियोजन से छूट है. यह अवधारणा न्याय विभाग की व्याख्या पर आधारित है, खासकर उसके कानूनी परामर्शदाता कार्यालय (OLC) की तरफ से दी गई सलाह के तहत. OLC का मानना है कि आपराधिक अभियोग, अभियोजन और सजा राष्ट्रपति पद को अक्षम कर सकते हैं, जिससे राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हो सकते हैं.
OLC यह भी मानता है कि किसी कार्यरत राष्ट्रपति को इस तरह से अक्षम करना असंवैधानिक होगा. इसके लिए संविधान में महाभियोग या 25वां संशोधन जैसे प्रावधान मौजूद हैं. महाभियोग के माध्यम से राष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है, जबकि 25वें संशोधन के तहत किसी अक्षम राष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है.