बिहार
बिहार की नीतीश सरकार महिलाओं और बच्चों के लिए खास तौर से मेहरबान है। इनके लिए बजट में विशेष व्यवस्था की गई है। दोनों मदों में करीब 83 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है जो पिछले बजट से 23 सौ करोड़ ज्यादा है। महिलाओं पर राज्य के कुल बजट का 14.50 फीसदी व्यय होगा।
बिहार सरकार इस वर्ष महिलाओं और बच्चों के कल्याण और विकास पर अधिक धनराशि खर्च करेगी। वर्ष 2023-24 के कुल बजट 2.61 लाख करोड़ में से 37949 करोड़ महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर जबकि बच्चों पर 46066 करोड़ खर्च होगा। महिलाओं पर खर्च की जाने वाली राशि पिछले साल की तुलना में 1200 करोड़ और बच्चों पर गत वर्ष से 11 सौ करोड़ अधिक है। यह जानकारी वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दी। वित्त मंत्री ने विधान सभा जबकि विधान परिषद में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बजट पेश किया।
जेंडर बजट क्या है?
मंत्री ने नीतीश कुमार ने कहा कि जेंडर बजट महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में लाने का एक सशक्त माध्यम है। इसमें सरकार संसाधनों का आवंटन इस प्रकार करती है जिससे महिलाओं को भी विकास का लाभ पुरुषों के समान मिल सके। दरअसल, जेंडर बजट कोई अलग बजटीय प्रावधान नहीं है। मुख्य बजट में ही महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों-योजनाओं के लिए जो राशि आवंटित की जाती है, उसे जेंडर बजट कहा जाता है। बिहार में इसकी शुरुआत वर्ष 2008-09 से हुई। आज 20 विभागों को शामिल किया जा चुका है।