मध्यप्रदेश

देशभर में जितने लोगों ने जान दी, उनमें नौ प्रतिशत मध्य प्रदेश के

भोपाल

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 नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि इसमें पुरुष महिलाओं की तुलना में पांच गुना तक ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेश में वर्ष 2022 में एक हजार 670 लोगों की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई। इनमें एक हजार 477 यानी 86 प्रतिशत पुरुष थे।
हार्ट अटैक मामले आंकड़ों से कहीं ज्यादा

हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में मप्र देश में पांचवे नंबर पर है। सबसे अधिक 12 हजार 591 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में तीन हजार 434 लोगों की अचानक मौत हुई, इनमें 643 महिलाएं थी। एनसीआरबी की एक्सीडेंटल डेथ एवं सुसाइड इन इंडिया 2022 रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एससीआरबी) में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक चंचल शेखर ने बताया कि एनसीआरबी में हार्ट अटैक के वह मामले आते हैं जो किसी कारण से पुलिस के पास पहुंचते हैं।

खुदकुशी के नौ प्रतिशत मामले मप्र में

प्रदेश में वर्ष 2022 में अलग-अलग कारणों से 15 हजार 386 लोगों ने खुदकुशी कर ली। यह महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद सर्वाधिक है। देशभर में जितने लोगों ने जान दी, उनमें नौ प्रतिशत मध्य प्रदेश के थे। इसके बाद बंगाल और कर्नाटक है। वर्ष 2021 की तुलना में खुदकुशी करने वाले 2.8 प्रतिशत अधिक थे। प्रतिलाख आबादी में यह लगभग 18 प्रतिशत है। हालांकि, प्रदेश के महानगर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में वर्ष 2021 की तुलना में इसमें गिरावट आई है।

आत्महत्या के अलग-अलग कारण

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में तीन हजार 217 यानी 20.9 प्रतिशत लोगों ने बीमारी और पारिवारिक समस्या के चलते खुदकुशी की। चिंता की बात यह है कि पिछले वर्ष एक हजार 340 विद्यार्थियों ने जान दे दी। इससे ज्यादा मात्र महाराष्ट्र और तमिलनाडु में थे। दांपत्य जीवन सही नहीं चलने के कारण 358 पुरुष और 755 महिलाओं, दहेज प्रताड़ना के चलते 479 महिलाओं, विवाहेत्तर संबंध के कारण 63 पुरुष और 66 महिलाओं और तलाक के चलते 24 पुरुष और नौ महिलाओं ने खुदकुशी कर ली। प्रेम प्रसंग में पड़ने पर 365 पुरुष और 251 महिलाओं ने जान दे दी।

KhabarBhoomi Desk-1

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