नई दिल्ली
मंडी में पिछले साल किसानों को सरसों का 6,500-7,000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिले थे। जबकि, इस साल 5,350-5,400 रुपये क्विंटल का भाव मिल रहा है। ऐसे में थोक मंडियों में अभी सरसों बेचने से किसान बच रहे हैं। बाजार सूत्रों के मुताबिक सोयाबीन की फसल बोने वाले भी अभी अपना हाथ खींच कर चल रहे हैं।
पिछले साल सोयाबीन के लिए किसानों को 7,000-7,500 रुपये क्विंटल का भाव मिला था, जो इस बार घटकर 5,500 रुपये रह गया है। बाजार सूत्रों ने कहा कि मौजूदा स्थिति देश की आयात पर निर्भरता बढ़ा सकती है तथा सरसों एवं सोयाबीन की पेराई नहीं होने से आगे आयात और बढ़ेगा। सबसे बड़ी मुश्किल तो खल के मामले में आएगी, जिसे बड़ी मात्रा में आयात भी करना मुश्किल है।
तो दूध के बढ़ सके हैं दाम
दूध के दाम आगे और बढ़ सकते हैं, जिसकी खपत खाद्यतेल से कई गुना अधिक है। खाद्य तेल सस्ता होने से दूध के दाम बढ़ते हैं, जबकि दूध के दाम कम होने से तेल मिलें चलती हैं, आयात पर निर्भरता कम होने से विदेशी मुद्रा की बचत होती है और कई अन्य फायदे हैं। सोपा जैसे कई तेल संगठनों ने भी देश के तेल उद्योग के बारे में कई बार अपनी चिंताएं रखी हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
सरसों तिलहन – 5,560-5,635 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,815-6,875 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,700 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,545-2,810 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,715-1,785 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,715-1,835 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 9,100 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,500 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,700 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 5,450-5,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 5,200-5,300 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।