
जैनम मानस भवन में आयोजित आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव में अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण जी के दर्शन कर उनसे प्रदेश में शांति, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद ग्रहण किया।
यह हमारा परम सौभाग्य है कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के चरण छत्तीसगढ़ की धरती पर पड़े। आचार्य जी अपनी इस यात्रा के दौरान सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति का संदेश दे रहे हैं। आचार्य जी ने नेपाल, भूटान और भारत के 19 राज्यों की यात्रा करते हुए छत्तीसगढ़ की धरती पर कदम रखा है। आचार्य जी ने अपने जीवन में 50 हजार किलोमीटर की पद यात्रा पूरी की है।
छत्तीसगढ़ को सदैव आचार्य महाश्रमण जी जैसे महात्माओं ने संस्कारित किया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में परस्पर समन्वय, सद्भाव और भाईचारे की भावना विद्यमान रही है। यहां का समाज शांति और अहिंसा का पक्षधर रहा है। आपके संदेश हमें सचेत करते रहेंगे कि बदलते हुए परिवेश में हमें अपने सदगुणों को और भी अधिक मजबूती के साथ धारण करना होगा।