राजनीति

सचिन पायलट को सांसद बेनीवाल का खुला ऑफर, पायलट कैंप ने साधी चुप्पी

जयपुर

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले आएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट को कांग्रेस छोड़ने की सलाह दी है। बेनीवाल ने कहा- मैंने तो पहले भी कहा था कि सचिन पायलट अगर नई पार्टी बनाते हैं तो हम उनसे गठबंधन करेंगे। मैं तो चाहता हूं, सचिन पायलट का जिस तरह कांग्रेस में बार-बार अपमान हो रहा है। उन्हें कांग्रेस छोड़ देनी चाहिए।बेनीवाल ने कहा कि मैं पायलट को कहता हूं कि आप अलग पार्टी बनाएं। पायलट अगर नई पार्टी बनाते हैं। जबरदस्त माहौल बनेगा। इसका प्रभाव होगा।

पायलट के पार्टी बनाने से फायदा मिलेगा

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कांग्रेस-बीजेपी बहुत पीछे चली जाएगी। हम उनके साथ फिर गठबंधन कर सकते हैं। पायलट के पार्टी बनाने से कांग्रेस की फूट का फायदा मिलेगा। बीजेपी में भी फूट है, उसका भी फायदा होगा।बेनीवाल ने क​हा कि सचिन के पिता तो बहुत बड़े नेता थे। उन्होंने मंत्री पद से लेकर बड़े पदों पर काम किया। पायलट खुद भी मंत्री, डिप्टी सीएम रहे। हम लोगों ने पार्टी बनाई। हमारा तो कोई बड़ा बैकग्राउंड ही नहीं था। हम तो कभी सत्ता में नहीं रहे। पिछले 40 साल का सफर हम तो विपक्ष में रहकर ही लड़ते रहे हैं।

कांग्रेस-बीजेपी से कोई गठबंधन नहीं करेगी आरएलपी

बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस को रोकने के लिए हम काम करेंगे। कांग्रेस और बीजेपी से कोई गठबंधन नहीं होगा। हम सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। सांसद बेनीवाल ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस में फूट है। बीजेपी में 12 से 13 नेता मुख्यमंत्री के दावेदार हैं। हर कोई सीएम बना हुआ है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का अब राजस्थान में प्रभाव नहीं रहा। राजे का प्रभाव होता तो पिछली बार भी वे थीं। रिजल्ट क्या रहा, सबके सामने है। पिछली बार कई सीटों पर मैंने भी मदद की थी। इस बार बीजेपी की राह बिल्कुल भी आसान नहीं है।

पायलट कैंप ने साधी चुप्पी

सांसद बेनीवाल के आॅफर पायलट कैंप की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पायलट कैंप के नेता दबी जबान में कहते हैं कि उनकी राजनीतिक अदावक गहलोत कैंप से है। कांग्रेस पार्टी से नहीं है। पायलट कैंप के अधिकांश विधायकों की आस्था कांग्रेस पार्टी में है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे में सचिन पायलट कांग्रेस से अलग होकर पार्टी बनाने का जोखिम नहीं लेना चाहेंगे। खुद पायलट इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि राजस्थान की जमीन तीसरी पार्टी के लिए उर्वरक नहीं है।

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