मध्यप्रदेश

आरडीएसएस के तहत पश्चिम मप्र में लगाए 5400 से ज्यादा ट्रांसफार्मर

भोपाल
महू क्षेत्र के आलू उत्पाद किसान हों या खरगौन का मिर्च उत्पादक, बड़वानी के कपास उत्पादक हों या मंदसौर के अफीम उत्पादक किसान सभी इस बात से संतुष्ट एवं खुश हैं कि उन्हें अब बिजली अच्छे वोल्टेज के साथ नियामानुसार 10 घंटे मिल रही है। यह सब हुआ है शासन की रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के बाद इस योजना के तहत मालवा और निमाड़ में अब तक 5400 से ज्यादा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। इस किसानों को सिंचाई कार्य में पहले से ज्यादा सुविधा मिल रही है।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक सुश्री रजनी सिंह ने बताया कि ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देशानुसार विद्युत विकास एवं वितरण क्षमता वृद्धि के कार्य समय पर गुणवत्ता के साथ किए जा रहे हैं। रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम के अंतर्गत भी प्रत्येक जिले में अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। इससे किसानों को पहले की तुलना में ज्यादा अच्छी बिजली मिल रही हैं। ज्यादा हॉर्स पावर की मोटर लगाने के बाद भी कोई परेशानी नहीं आ रही है। इससे एक ओर जहां विद्युत व्यवधान अत्यंत कम हो गए हैं, वहीं किसानों की मोटर जलने, पानी नहीं मिलने से फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की नौबत नहीं आई। सुश्री रजनी सिंह ने बताया कि इंदौर, उज्जैन, रतलाम, धार, देवास, खरगौन और मंदसौर जिलों में अपेक्षाकृत किसान ज्यादा हैं। इन जिलों में 500 से 700 की संख्या में ट्रांसफार्मर रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम के अंतर्गत लगाए गए हैं। अन्य जिलों में भी 200 से 400 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। नए ट्रांसफार्मरों से किसानों के अलावा ग्रामीणों, कस्बाई इलाकों के अन्य उपभोक्ताओं को भी लाभ मिला है। बड़े शहरों में भी अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। प्रबंध निदेशक ने बताया कि ये ट्रांसफार्मर जीआईएस के आधार पर लगाए गए हैं। सिंगल क्लिक पर इनकी संपूर्ण जानकारी पहुंच मार्ग के साथ उपलब्ध है।

14 लाख से ज्यादा किसान
कंपनी क्षेत्र में चौदह लाख से ज्यादा किसानों को सिंचाई के लिए दस घंटे दैनिक विद्युत प्रदाय व्यवस्था प्रभावी हैं। अन्य श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को चौबीस घंटे विद्युत प्रदाय व्यवस्था लागू है। वर्तमान में कंपनी क्षेत्र में रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम के अतिरिक्त 5400 ट्रांसफार्मरों को मिलाकर कुल 3.34 लाख वितरण ट्रांसफार्मर हो गए हैं।

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