
नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद के मौजूदा मानसून सत्र के तीसरे सप्ताह में राज्यसभा से आठ विधेयक पारित किए गए। इससे सदन की उत्पादकता बढ़कर 24.2 फीसद करने में मदद मिली है। राज्यसभा के अनुसंधान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते उच्च सदन की उत्पादकता 13.70 फीसद थी। सत्र के पहले हफ्ते इसकी उत्पादकता सबसे अधिक 32.20 फीसद रही थी। राज्यसभा के अधिकारी ने बताया कि मानसून सत्र के शुरुआती तीन सप्ताह में उच्च सदन की कुल उत्पादकता 22.60 फीसद रही।
मानसून सत्र शुरू होने के बाद से राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित
19 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से उच्च सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। विपक्षी सदस्य पेगासस जासूसी कांड और किसानों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं।
17 दलों के सदस्य राज्यसभा के संख्याबल का 87 फीसद
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सप्ताह 17 दलों के 68 सदस्यों ने विधेयकों को पारित करने से पहले चर्चा में हिस्सा लिया। विधेयकों पर हुई चर्चा में अन्नाद्रमुक, आम आदमी पार्टी, बीजद, भाजपा, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, द्रमुक, जदयू, राकांपा, राजद, आरपीआइ, शिवसेना, तेदेपा, टीएमसी (मूपनार), टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने हिस्सा लिया। मनोनीत सदस्यों और इन 17 दलों के कुल सदस्यों की संख्या राज्यसभा के मौजूदा संख्याबल का 87 फीसद है।
टीएमसी और शिरोमणि अकाली दल के सदस्य राज्यसभा के संख्याबल से 6 फीसद से कम
अधिकारियों ने बताया कि पेगासस विवाद और किसानों के मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रही तृणमूल कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों की संख्या सदन के संख्याबल के लिहाज से छह फीसद से भी कम है। उन्होंने बताया कि सदन ने तीन घंटे और 25 मिनट इन विधेयकों को पारित करने में लिया।