आगरा
आगरा में 87 साल की उम्र में एक मां वृद्धाश्रम में दिन काटने को मजबूर हैं। इस मां के चार बेटे हैं। पति ने कभी शहर में आंखों का अस्पताल बनाया था। विद्या देवी, खुद करोड़ों की मालकिन रहीं लेकिन बेटों ने संपत्ति का बंटवारा करके उन्हें घर से निकाल दिया तो वृद्धाश्रम के अलावा जिंदगी गुजारने के लिए किसी और जगह का विकल्प ही नहीं बचा।
विद्या देवी के बेटों के पास आज भी करोड़ों की संपत्ति है लेकिन चारों में से कोई उन्हें रखने को तैयार नहीं है। बता दें कि विद्या देवी के पति गोपीचंद अग्रवाल की गिनती शहर के बड़े लोगों में होती थी। आगरा का एक नामचीन आंखों का अस्पताल उन्हीं का बनाया हुआ है। अपने चार बेटों के साथ विद्या देवी पहले आलीशान कोठी में रहती थीं लेकिन शादी के बेटों का रुख उनके प्रति बदल गया। गोपीचंद अग्रवाल का देहांत 13 साल पहले हो गया था। इसके बाद विद्या देवी की स्थिति खराब होने लगी। बेटों ने संपत्ति में अपना-अपना हिस्सा ले लिया लेकिन मां के हिस्से कुछ नहीं आया।
बेटों के बीच बंटवारे के बाद विद्या देवी कुछ समय तक अपने बड़े बेटे के साथ रहीं लेकिन कुछ समय बाद ही बहू ने उन्हें ताने मारना शुरू कर दिया। फिर वह दूसरे बेटे के पास चली गईं लेकिन वहां भी कुछ दिन बाद कुछ ऐसा हुआ कि वह तीसरे और फिर चौथे बेटे के पास पहुंच गईं। बारी-बारी चारों बेटों के साथ रहने के बाद विद्या देवी बिल्कुल अकेली हो गईं। फिर एक दिन बेटों और बहुओं ने उन्हें घर से निकाल दिया।
विद्या देवी को घर से निकाले जाने की जानकारी रिश्तेदारों को हुई तो एक रिश्तेदार ने बेटों को समझाने की कोशिश की। लेकिन काफी समझाने के बाद भी बात नहीं बनी तो उन्होंने ही वृद्धाश्रम में रहने का इंतजाम करा दिया। तबसे विद्या देवी वृद्धाश्रम में ही रह रही हैं।