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मायावती ने अमेरिका को घेरा: टैरिफ के जरिए भारत पर वार, अब समय है ठोस रणनीति का!

लखनऊ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत का शुल्क (टैरिफ) लगाए जाने को लेकर देश में भी राजनीति गरमा गई इस मुदे को लेकर विपक्ष विपक्ष सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा रहा है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ब्रिक्स देश ब्राज़ील की तरह ही भारत पर भी कुल मिलाकर 50 प्रतिशत का भारी भरकम टैरिफ (शुल्क) लगाकर अमेरिका ने जो भारत को आघात पहुंचाने का प्रयास किया है।

टैरिफ लगाकर देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहा अमेरिका
उसे भारत सरकार ने अपने संयमित बयान में ’अनुचित, अन्यायपूर्ण व अविवेकी’ बताया है, किन्तु देश की जनता डोनाल्ड ट्रम्प का ’मित्र’ देश भारत के प्रति इसे प्रथम दृष्टया विश्वासघाती एवं देश को कमज़ोर करने वाला कदम ज़्यादा मानती है। उन्होंने सरकार को नसीहत देते हुएए कहा कि जिससे निपटने के लिए सभी को पूरी परिपक्वता दिखाते हुये राजनीतिक स्वार्थ, संकीर्णता, मतभेद एवं द्वेष आदि से ऊपर उठकर, दीर्घकालीन रणनीति के तहत्, देश में पूरे अमन-चैन और कानून व्यवस्था के अच्छे माहौल के साथ पूरी मुस्तैदी से कार्य करना ज़रूरी है।

देश के सामने बड़ी चुनौती
देश के सामने आई इस बड़ी चुनौती पर गंभीर चिन्तन के लिए सम्बंधित विषय पर वर्तमान संसद सत्र में चर्चा हो तो यह जन व देशहित में बेहतर होगा, किन्तु केन्द्र व राज्य सरकारें अगर आन्तरिक संकीर्ण मुद्दों में ही अधिकतर उलझी रहेंगी तो यह कैसे संभव हो पायेगा? वैसे इस बारे में यहाँ उल्लेखनीय है कि बी.एस.पी. की राजनीति हमेशा से देश के मानवतावादी संविधान की मंशा के मुताबिक ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ की रही है, किन्तु यहाँ देश में केन्द्र व राज्य सरकारों के बीच आपसी अविश्वस के कारण जो राजनीतिक टकराव और खींचतान आदि लगातार बनी हुई है वह अब समाप्त होना चाहिए, यही व्यापक जन व देश हित में है।

भारत पर अमेरिका ने कुल शुल्क 50 प्रतिशत लगाया 
पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को भारत पर रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत शुल्क और लगा दिया, जिससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है और यह अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है। यह अतिरिक्त शुल्क 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से प्रभावी होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा और इसके लिए वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है।

50 प्रतिशत का एकमुश्त शुल्क 3.75 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ बढ़ेगा
आप को बता दें कि भारत का अमेरिका को निर्यात लगभग 7.51 लाख करोड़ रुपये (2024) है और 50 प्रतिशत का एकमुश्त शुल्क 3.75 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ डालेगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हमारे कई क्षेत्र जैसे – एमएसएमई, कृषि, डेयरी इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रत्न एवं आभूषण, दवा उत्पादन और जैविक उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद और सूती कपड़े, सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।" उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार को समझ नहीं आ रहा कि इससे कैसे निपटा जाए। खरगे ने यह भी कहा, "आप (प्रधानमंत्री) इस विदेश नीति की तबाही के लिए 70 साल की कांग्रेस को भी दोष नहीं दे सकते।

चीन, तुर्की भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं
अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन, तुर्की भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। ट्रंप का भारत पर निशाना साधना दिखाता है कि वह हमारी बांह मरोड़ रहे हैं। चीन को 90 दिनों की राहत मिली है, लेकिन भारत को नहीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत को तय करना है कि वह किसके साथ राजनयिक संबंध रखना चाहता है। अब, भारत को भी कुछ तय करना होगा।

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