मुंबई
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताते हुये कहा कि मार्च में समाप्त हुये वित्त वर्ष में यह सात प्रतिशत रह सकता है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद इसमें लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुये गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हाल में बैंकों के दिवालिया होने से वैश्विक अर्थव्यवथा वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही है और इसके साथ ही भू राजनीतिक तनाव से भी वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था स्वस्थ है और मार्च में समाप्त हुये वित्त वर्ष में यह सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि रबी सीजन में पैदावार बेहतर हाेने से ग्रामीण क्षेत्रों में मांग को बल मिलेगा और संपर्क आधारित सेवासें में तेजी से शहरी क्षेत्रों में भी मांग को समर्थन मिलेगा। इसके साथ ही सरकार के पूंजीगत निवेश पर जोर के साथ ही विनिर्माण क्षमता के पूर्ण उपयोग के रूख, ऋण उठाव में दो अंकों की बढोतरी और कमोडिटी की कीमतों में नरमी से विनिर्माण और निवेश को बल मिलने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक और घरेलू कारकों के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है। पहली तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.9 प्रतिशत रह सकती है।