
नई दिल्ली, एएनआइ। लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Paty, LJP) के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पार्टी के नए नेता पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में पार्टी का नेता बताए जाने पर आपत्ति जताई है। सदन के अध्यक्ष को उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि यह उनकी पार्टी के संविधानों के प्रावधानों के विपरीत है। उन्होंने अध्यक्ष से उनके पक्ष में नया सर्कुलर जारी करने का अनुरोध किया।
चिराग पासवान के समर्थकों ने बुधवार को लोकसभा में पार्टी के नए नेता पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। इसके मद्देनजर नवनिर्वाचित नेता के आवास के बाहर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। पत्र में पार्टी के संंविधान का हवाला देते हुए कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष को ही संसदीय दल का नेता चुनने का अधिकार है। चिराग ने पत्र में यह भी कहा है कि उन्हें ही फिर से संसदीय दल का नेता नियुक्त किया जाए। दरअसल LJP में पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच घमासान जारी है। दोनो रिश्ते में चाचा-भतीजा हैं लेकिन अब आमने-सामने की भिड़ंत है।
चिराग ने यह भी कहा है कि सदन में नेता की नियुक्ति का फैसला संसदीय समिति का होता है न कि सांसदों का। ऐसी खबरें हैं कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया। पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष को तब ही हटाया जा सकता है जब उनका निधन होता है या फिर इस्तीफा देते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘जब मेरे पिता (राम विलास पासवान) अस्पताल में भर्ती थे तब कुछ लोग पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे।चिराग ने कहा, ‘जब मैं बीमार था तभी यह साजिश हुई। मैंने इस बारे में चाचा से बात करने की कोशिश की थी लेकिन असफल रहा।’
बता दें कि मंगलवार को पशुपति पारस ने चिराग पासवान को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया। इसके बाद चिराग ने बागी सभी पांच सांसदों को पार्टी से बाहर निकाल दिया।