उत्तर प्रदेश

हाईवे पर हर दूसरे हादसे की वजह शराब, यूपी परिवहन विभाग की पड़ताल में खुलासा

 कानपुर 

हाईवे पर होने वाले हर दूसरे हादसे के लिए शराब जिम्मेदार है। एक साल के आंकड़ों से इसका खुलासा हु़आ है। पिछले एक साल में (31 दिसंबर-2021 से 31 दिसंबर-2022) हुईं 400 दुर्घटनाओं में 201 की पड़ताल की गई तो इस बात की पुष्टि हुई कि इसमें एक या दोनों वाहनों के चालक शराब पीए थे। इसके अलावा नौबस्ता-घाटमपुर, रामादेवी से सरसौल, रामादेवी से जाजमऊ और कल्याणपुर से बर्राजपुर के बीच सूचीबद्ध आठ ब्लैक स्पॉट पर 41 एक्सीडेंट हुए। इसमें 43 लोगों की जानें गई थीं। एआरटीओ प्रवर्तन सुनील दत्त ने बताया कि मेजर मार्ग दुर्घटनाओं की पड़ताल आरटीओ स्तर से कई है। इनकी पड़ताल में पता चला कि एक्सीडेंट में हर दूसरा वाहन चालक नशे में होता है। 

घंटाघर में ई-बस ने रौंदा था छह को
घंटाघर से टाटमिल जा रही ई-बस ने पिछले साल 31 दिसंबर की रात छह लोगों को रौंद दिया था। एक महीने बाद 30 जनवरी को यशोदानगर से टाटमिल आ रही ई-बस ने 15 लोगों को टक्कर मारकर घायल कर दिया था। दोनों ही चालक नशे में  पाए गए थे। इसी तरह सचेंडी में उल्टी दिशा में जा रहे लोडर को ट्रक ने टक्कर मारी थी तो कई जानें गई थीं, इसमें भी चालक के नशे में होने की पुष्टि हुई थी। 

स्पीड पर काबू नहीं रख सके चालक
एक साल के भीतर हुए 400 हादसों में 17 फीसदी यानी 66 बेहतर सड़कों पर हुए हैं। इसके लिए आगरा एक्सप्रेस-वे को भी एक कारण बताया गया है। लखनऊ से सैफई कट तक एक्सीडेंट की वजह सपाट सड़क होना बताया गया है। इसमें भी जितने एक्सीडेंट होते हैं, उनमें हर वाहन ओवरस्पीड में या चालक के नशे में होने की बात पता चली है। अच्छी सड़क में चालक का पैर अकारण एक्सीलरेटर पर दबता है और दूर तक दूसरा वाहन न होने से ओवरस्पीड में दुर्घटना कर बैठता है।  

पीब्डब्ल्यूडी को पत्र, महीने भर में दूर करें खामियां
आरटीओ ने जिले में सूचीबद्ध 19 ब्लैक स्पॉट की खामियों को दूर करने का पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि स्पॉट में कहीं पर अवैध कट बंद करना है तो सड़क कर्व या ढाल को दूर करना है। जहां पर खामियां दूर करना संभव न हो तो वहां के आधा-आधा किमी दूर इस बात के संकेतांक बोर्ड लगवाए जाएं।

एक-दूसरे पर फोड़ते हैं ठीकरा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक स्पॉट, सड़क पर पार्किंग की उचित व्यवस्था और हादसों पर अंकुश पाने के लिए सभी विभागों के बीच समन्वय की बात कही थी पर अभी भी ऐसा हो नहीं सका। जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में पिछली बार लोकनिर्माण ने जवाब दिया कि पिछली बैठक में तय हुए ब्लैक स्पॉट की सूची नहीं मिली हैं। यही सड़क कटिंग को लेकर होता है। पांच जनवरी से चार फऱवरी-2023 तक शुरू हुए सड़क सुरक्षा माह में फिर हर बार की तरह कवायद शुरू हुई है।

KhabarBhoomi Desk-1

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