
वाशिंगटन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले के लिए जहां प्रभावी दवाओं की खोज के लिए निरंतर शोध किए जा रहे हैं, वहीं इस वायरस की जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसी कवायद में जुटे शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है, जिसके जरिये लार के नमूने से कोरोना की पहचान हो सकती है। छोटे आकार का यह उपकरण महज एक घंटे में इस काम को अंजाम दे सकता है।
साइंस एडवांसेज पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इस तरीके से जांच का नतीजा पीसीआर टेस्ट जितना ही सटीक पाया गया है। इस समय कोरोना की पहचान के लिए पीसीआर टेस्ट का चलन है। यह अध्ययन अमेरिका के मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (एमआइटी) के शोधकर्ता जेम्स कोलिंस के नेतृत्व में किया गया है। जेम्स ने कहा, ‘हमने साबित किया है कि हमारा यह प्लेटफार्म कोरोना के उभर रहे नए वैरिएंट की पहचान में भी सक्षम हो सकता है।’
उन्होंने बताया, ‘इस अध्ययन में हमने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाए गए वैरिएंट पर ध्यान केंद्रित किया है। लेकिन इस डाइग्नोस्टिक प्लेटफार्म का इस्तेमाल डेल्टा और दूसरे उभरते वैरिएंट की पहचान में भी कर सकते हैं।’ शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस डिवाइस के उपयोग से कोरोना संबंधी कुछ वैरिएंट के खास वायरल म्यूटेशन की पहचान भी हो सकती है। इसके नतीजे महज एक घंटे के अंदर प्राप्त हो सकते हैं। इस तरीके से कोरोना के विभिन्न वैरिएंट पर आसानी से नजर भी रखी जा सकती है। इस उपकरण का इस्तेमाल भी आसान है।