
काबुल, एजेंसियां। अफगानिस्तान पर तालिबान तेजी से काबिज होता जा रहा है। अब वह राजधानी काबुल की ओर बढ़ रहा है। उसने छह दिनों में आठवीं प्रांतीय राजधानी कब्जा कर लिया है। तालिबान ने पुल ए खुमरी और फैजाबाद को अपने नियंत्रण में ले लिया है। पुल ए खुमरी काबुल से सवा दो सौ किमी दूर है। तालिबान ने छह प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा करने के बाद पिछले 24 घंटे में बगलान प्रांत की राजधानी पुल ए खुमरी पर पूरी तरह कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने बदख्शान की राजधानी फैजाबाद को भी हासिल कर लिया।
काबुल जाने वाले राजमार्ग पर कब्जा
बदख्शान प्रांत की सीमा ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और चीन से लगी हुई है। यह अफगान सरकार के लिए बड़ा धक्का है। उसकी चिंता पुल ए खुमरी पर कब्जे के बाद बढ़ गई है। इस शहर पर कब्जे के बाद काबुल जाने वाले राजमार्ग पर भी तालिबान का कब्जा हो गया है। तालिबान अब अमेरिका के समर्थन वाले देश में पूरी तरह इस्लामिक कानूनों को लागू करना चाहता है। यूरोपीय यूनियन के अधिकारी के अनुसार अभी 11 प्रांतीय राजधानियों पर भीषण संघर्ष चल रहा है। तालिबान ने काबुल के उत्तर के उन क्षेत्रों पर भी कब्जा कर लिया है, जहां से काबुल के लिए बिजली की सप्लाई की जा रही है।
कंधार में भीषण लड़ाई
कंधार पर भीषण संघर्ष चल रहा है। यहां पर हवाई हमले में 10 आतंकी मारे गए। कंधार में भीषण हिंसा के चलते यहां से 30 हजार परिवारों का पलायन हो गया है। बल्ख प्रांत के मजार ए शरीफ को तालिबान के चारों तरफ से घेरने के बाद इस शहर में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी पहुंच गए। उनके साथ उनके सुरक्षा और राजनीतिक सलाहकार मोहम्मद मोहाकिक भी थे। यहां अशरफ गनी ने सुरक्षा के संबध में एक बैठक भी की। इसमें बल्ख के गवर्नर व अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। इधर रूस की मीडिया ने दावा किया है कि तालिबान ने ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान से लगी सीमा के क्षेत्रों पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है।
439 तालिबान आतंकी ढेर
वहीं अफगान सुरक्षा बलों ने बीते 24 घंटे में 439 तालिबान आतंकियों को मार गिराने का दावा किया है। यही नहीं, भीषण लड़ाई में 77 अन्य घायल हुए हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि बीत 24 घंटों के दौरान नंगरहार, लगमन, लोगर, पक्तिया, उरुजगन, ज़ाबुल, घोर, फराह, बल्ख, हेलमंद कपिसा और बगलान प्रांतों में भीषण लड़ाई में इन आतंकियों को मार गिराया गया है। कंधार प्रांत में एयर स्ट्राइक में 25 आतंकियों को मार गिराया गया। इस बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी बुधवार को बल्ख प्रांत के मजार-ए-शरीफ शहर पहुंचे और सुरक्षा बलों का हौसला बढ़ाया।
बाइडन बोले- अपनी लड़ाई खुद लड़ें अफगान
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी में बदलाव की संभावना से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि अब अफगान के लोगों को ही एकजुट होकर अपने मुल्क के भविष्य के लिए लड़ना होगा। दरअसल व्हाइट हाउस में संवाददाताओं ने राष्ट्रपति से पूछा था कि क्या सैनिकों की वापसी में कोई बदलाव आ सकता है। इस पर बाइडन ने कहा कि ऐसा नहीं होगा। हमने बीस साल से ज्यादा समय में एक हजार अरब डॉलर से अधिक की रकम खर्च की है। अफगान बलों के 3,00,000 से अधिक जवानों को ट्रेनिंग दी। अब उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी।
काबुल से भागे कार्यवाहक वित्त मंत्री
एएनआइ के अनुसार अफगानिस्तान के कार्यवाहक वित्तमंत्री खालिद पायंदा ने अपने पद से इस्तीफा देकर अफगानिस्तान छोड़ दिया है। स्थानीय मीडिया ने कहा है कि अब पायंदा अफगानिस्तान नहीं लौटेंगे। उन्होंने इस्तीफे की जानकारी ट्विटर पर भी दी है। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं। माना जा रहा है कि वह तालिबान के खौफ से इस्तीफा देकर भागे हैं।
स्थानीय मीडिया का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रपति पैलेस के दबाव में इस्तीफा दिया है।
पाकिस्तान को कोस रहे अफगान नागरिक
एएनआइ के अनुसार हिंसा बढ़ने के साथ ही अफगान नागरिक इंटरनेट मीडिया पर पाकिस्तान को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए जमकर कोस रहे हैं। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की मांग का मुद्दा टाप ट्रेडिंग में है।
तीन माह में काबुल पर कब्जा कर सकता है तालिबान
एएनआइ ने वाशिंगटन पोस्ट का हवाला देते हुए कहा है कि अमेरिकन एजेंसियों का अनुमान है कि तालिबान एक से तीन माह में काबुल पर कब्जा कर सकता है। खुफिया विभाग का कहना है कि जून के बाद से अफगानिस्तान में तेजी से तालिबान के समर्थन में हालात बदले हैं। अफगानिस्तान में अब हर स्थितियां गलत दिशा में जा रही हैं।
इधर व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी का कहना है कि राष्ट्रपति जो बाइडन मानते हैं कि जरूरी नहीं कि तालिबान का कब्जा काबुल पर हो जाए।
दस दिन में 4 हजार लोगों का इलाज किया रेडक्रास ने
एएनआइ के अनुसार हिंसा में हजारों लोग घायल हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय संस्था रेडक्रास सोसायटी ने कहा है कि अगस्त माह के दस दिनों में 4 हजार से ज्यादा घायल लोगों का अब तक उनके द्वारा इलाज किया गया है। जुलाई माह में 13 हजार ऐसे घायलों का इलाज किया, जो हथियारों से घायल हुए थे।
हिंसा के बीच दोहा में चल रही उच्चस्तरीय बैठक
एएनआइ के अनुसार, हिंसा और तालिबान की बढ़त के बीच दोहा में तीन दिवसीय उच्चस्तरीय बैठक भी शुरू हो गई है। इस बैठक में अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला और तालिबान नेताओं के साथ ही संयुक्त राष्ट्र, कतर, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन, चीन, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। अमेरिका के विशेष दूत जालिमे खलीलजाद भी बैठक में मौजूद हैं। ये सभी युद्ध विराम और हिंसा समाप्त करने पर वार्ता करेंगे।