
नई दिल्ली, पीटीआइ। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्री का कार्यभार संभाल लिया। मध्य प्रदेश के इस प्रमुख नेता ने मोदी कैबिनेट में फेरबदल के बाद बुधवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने हरदीप सिंह पुरी का स्थान लिया, जिन्हें अब पेट्रोलियम मंत्रालय मिला है और शहरी मामलों के मंत्रालय बरकरार है है। इस दौरान हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे
बता दें सिंधिया मार्च 2020 में भाजपा में शामिल हुए और राज्यसभा सदस्य हैं। वहीं जनरल वीके सिंह ने नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। सिंधिया ने ऐसे समय में मंत्रालय का कार्यभार संभाला है जब एविएशन सेक्टर को कोरोना वायरस महामारी के कारण संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण मांग प्रभावित हुई है और वित्तीय संकट भी पैदा हो गया है। सरकार नेशनल कैरियर एयर इंडिया के लिए विनिवेश प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है। ऐसे में उनके सामने काफी चुनौतियां होंगी।
2014 तक केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे
सिंधिया ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान संचार, वाणिज्य और उद्योग और बिजली के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है। ग्वालियर के शाही परिवार के वंशज को 2007 में यूपीए सरकार में शामिल किया गया था और वे 2014 तक केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने रहे।
मार्च 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। उनके इस कदम से मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में वापस आ गई। 1 जनवरी, 1971 को जन्मे और हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे संस्थानों में शिक्षित, सिंधिया ने 2002 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना पहला चुनाव लड़ने के बाद एक लंबा सफर तय किया है। एक विमान दुर्घटना में उनके पिता माधवराव सिंधिया की अचानक मृत्यु के बाद वो गुना लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीतकर वह पहली बार संसद पहुंचे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना संसदीय सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा था। वह मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं।माधवराव सिंधिया भी नागरिक उड्डयन मंत्री भी थे और 1991 से 1993 तक इस पद पर रहे।