भोपाल।
मध्य प्रदेश पुलिस की लगभग पौने तीन वर्ष तक कमान संभालने के बाद 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी सुधीर कुमार सक्सेना 30 नवंबर शनिवार को सेवानिवृत हो गए। मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि मप्र पुलिस सर्वोत्कृष्ट है।
उनके कार्यकाल में भी पुलिस ने एक से एक बड़े काम किए। आतंकवादियों और नक्सलियों से लोहा लिया।
लोकसभा और विधानसभा के चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने में पुलिस की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने आशा जताई कि नए डीजीपी कैलाश मकवाना भी सभी जिम्मेदारियों पर खरे उतरेंगे। बता दें कि 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मकवाना प्रदेश के 31 वें डीजीपी होंगे। वह सोमवार को पदभार ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा। परेड से पहले सुधीर सक्सेना ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। विदाई समारोह के बाद पुलिस मुख्यालय में सुधीर सक्सेना ने नए डीजीपी कैलाश मकवाना को बेटन सौंपी। यह एक छड़ी होती है, जो डीजीपी के नाम से होती है। एक डीजीपी सेवानिवृत होने पर नए को इसे सौंपते हैं।
डीजीपी की कुर्सी संभालने वाले लगातार तीसरे इंजीनियर होंगे कैलाश मकवाना
प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना लगातार तीसरे ऐसे डीजीपी होंगे जो इंजीनियर हैं। इसके पहले सुधीर कुमार सक्सेना और विवेक जौहरी भी इंजीनियर थे। सुधीर सक्सेना शनिवार 30 नवंबर को सेवानिवृत हो गए। उनकी जगह कैलाश मकवाना इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। आइपीएस अधिकारियों की वर्तमान ग्रेडिंग लिस्ट देखें तो सुधीर सक्सेना के बाद शीर्ष 10 अधिकारियों में छह इंजीनियर हैं। मकवाना ने मैनिट (पूर्व में एमएसीटी) से बीई किया है। इसके साथ ही आइआइटी से एमटेक हैं।
कई पुलिस उच्चाधिकारी इधर से उधर होंगे
अगले माह स्पेशल डीजी और एडीजी के स्तर पर कई अधिकारी इधर से उधर भी हो सकते हैं। मकवाना के पुलिस महानिदेशक बनने के बाद स्पेशल डीजी का एक पद रिक्त होगा। उसकी जगह एडीजी स्पेशल टास्क फोर्स पंकज श्रीवास्तव स्पेशल डीजी बनेंगे। पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का अध्यक्ष पद रिक्त हो जाएगा। यहां पर किसी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की पदस्थापना की जा सकती है। इसके लिए ईओडब्ल्यू के डीजी अजय शर्मा के नाम की भी चर्चा है। यहां पहले से ही एक स्पेशल डीजी उपेंद्र जैन एमडी के पद पर हैं। एडीजी अजाक रहे राजेश गुप्ता के सेवानिवृत होने के बाद इस शाखा का प्रभार स्पेशल डीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव को दिया गया है। इसी तरह से पुलिस प्रशिक्षण अनुसंधान संस्थान (पीटीआरआई) का अतिरिक्त प्रभार एडीजी चयन संजीव शमी के पास है। दोनों जगह किसी एडीजी को पदस्थ किया जाएगा। ईओडब्ल्यू का डीजी बनने के लिए एक स्पेशल डीजी लंबे समय से प्रयास में हैं। इसी तरह से योगेश देशमुख के एडीजी गुप्तवार्ता बनने के बाद साइबर का उनके पास अतिरिक्त प्रभार है। जिस तरह से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, इस दृष्टि से यहां भी किसी को पदस्थ किया जाएगा।