मुंबई
विदेशी निवेशकों के साथ ही घरेलू स्तर पर संस्थागत निवेशकों की लिवाली के बल पर बीते सप्ताह शेयर बाजार में तेजी रही जबकि अगले सप्ताह औद्योगिक उत्पादन, महंगाई के आंकड़े, कंपनियों के तिमाही नतीजे और वैश्विक रुख से शेयर बाजारों की चाल तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 891. 45 अंकों की बढ़त के साथ 60 हजार अंकों की ओर बढ़ते हुये 59882.97 अंक पर रहा। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 239.4 अंक उठकर 17599.15 अंक पर टिका। दिग्गज कंपनियों की तरह ही छोटी और मझौली कंपनियों में भी लिवाली का रूख बना रहा जिससे बीएसई का मिडकैप 285.47 अंक बढ़कर 24351.06 अंक पर और स्मॉलकैप 768.33 अंक उछलकर 27725.34 अंक पर रहा।
बीते सप्ताह शेयर बाजार में पांच कारोबारी दिवस में से मात्र तीन दिन ही कामकाज हो सका क्योंकि चार अप्रैल को महावीर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे के अवसर पर अवकाश रहा था। अगले सप्ताह भी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर अवकाश रहेगा और कोई कारोबार नहीं होगा।
विश्लेषकों का कहना है कि अगले सप्ताह भी बाजार में तेजी बने रहने की संभावना है क्योंकि अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यदि कोई बड़ा उथल पुथल नहीं होता है तो बाजार की चाल घरेलू कारकों से तय होगी। अगले सप्ताह औद्योगिक उत्पादन के साथ ही उपभोक्ता सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई, थाेक मूल्य सूचकांक आधारित थोक महंगाई के साथ ही देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले है जिसका बाजार पर साफ साफ असर दिख सकता है।
विदेशी कोषों की गतिविधियां, रुपये का उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल के दाम भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे। शुक्रवार को ‘डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जयंती’ के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।
विश्लेषकों का कहना है कि अगले सप्ताह गुरूवार को देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) और बुधवार को इंफोसिस के तिमाही परिणाम आने वाले हैं। इसका बाजार पर व्यापक प्रभाव होता है। हालांकि टीसीएस आम तौर पर बाजार बंद होने के बाद अपना परिणाम जारी करती है इसलिए इसका असर अगले सप्ताह बाजार पर दिख सकता है। इंफोसिस का परिणाम सुबह में आ जाता है और उसका असर उसी दिन बाजार पर होता है। दुनियाभर में मंदी को लेकर चिंता के बीच बाजार की निगाह प्रबंधन की टिप्पणियों पर रहेगी। अमेरिकी के मुद्रास्फीति और गैर-कृषि रोजगार के आंकड़े भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
उनका कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, डॉलर सूचकांक और अमेरिकी में बॉन्ड के रूख का असर भी बाजार दिख सकता है।
वैश्विक स्तर से मिले सकारात्मक संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर टेलीकम्युनिकेशंस, ऑटो, रियलटी, सीडी जैसे समूहों में हुयी लिवाली के बल पर शेयर बाजार आज लगातार तीसरे दिन तेजी रही।
बीते सप्ताह के पहले दिन सोमवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 114.92 अंकों की तेजी के साथ 59106.44 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 38.30 अंकों की बढ़त के साथ 17398.05 अंक पर रहा। दूसरे कारोबारी दिन बुधवार को वैश्विक स्तर के मिश्रित रूझानों के बीच रिजर्व बैंक की कल जारी होने वाली मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में स्थिरता लाने की उम्मीद से कैपिटल गुड्स, इंडस्ट्रीयल, आईटी, टेक, वित्तीय सेवायें, बैंकिंग, एफएमसीजी और सीडी समूहों में हुयी लिवाली के बल पर आज लगातार चौथे दिन शेयर बाजार में तेजी बनी रही। बीएसई का सेंसेक्स 582.87 अंकों की तेजी के साथ 59689.31 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 159 अंकों की बढ़त के साथ 17557.05 अंक पर पहुंच गया।
वैश्विक स्तर से मिले सकारात्मक संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने से रियल्टी, ऑटो, यूटिलिटी, इंडस्ट्रीयल, हेल्थकेयर, एनर्जी और पावर जैसे क्षेत्रों में हुयी लिवाली के बल पर आज शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन तेजी बनी रही।
सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिवस गुरूवार को सेंसेक्स 143.66 अंकों की तेजी के साथ 59882.97 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 42.10 अंकों की बढ़त के साथ 17599.15 अंक पर रहा।