
मुंबई
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन सोमवार को भी सामान्य नहीं हो सका है। हालिया उड़ान संकट के बीच एयरलाइन ने बताया है कि वह अब तक यात्रियों को ₹827 करोड़ रुपये का रिफंड जारी कर चुकी है, लेकिन इसके बावजूद स्थिति पूरी तरह पटरी पर नहीं लौटी है। दिल्ली, श्रीनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु और अहमदाबाद समेत कई प्रमुख एयरपोर्ट से 500 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं।
एक दिन पहले भी इंडिगो ने 650 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी थीं। हालांकि कंपनी का दावा है कि उसने अपनी कुल 2,300 दैनिक उड़ानों में से लगभग 1,650 उड़ानें संचालित की हैं। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा कि हालात धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं और 10 दिसंबर तक संचालन सामान्य होने की उम्मीद है।
संसद में उठा मामला
राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने साफ कहा कि इंडिगो में उत्पन्न संकट की वास्तविक वजह इसके क्रू रोस्टरिंग और आंतरिक प्लानिंग सिस्टम में गंभीर दिक्कतें थीं। उन्होंने स्वीकार किया कि इससे यात्रियों को काफी परेशानियां उठानी पड़ीं। मंत्री ने चेतावनी दी- “हम इसे हल्के में नहीं लेंगे। जांच जारी है और हम ऐसा कड़ा कदम उठाएंगे जो अन्य एयरलाइनों के लिए मिसाल बने।”
सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार किया
इधर, इंडिगो के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में पहले ही कदम उठा चुकी है। अब याचिका की सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
पायलट पर्याप्त, लेकिन ‘बफर’ स्टाफ की कमी : इंडिगो
एयरलाइन ने कहा कि मौजूदा संकट के कारणों की पहचान के लिए ‘रूट कॉज एनालिसिस’ किया जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि नई FDTL (Flight Duty Time Limitations) व्यवस्था लागू होने से क्रू प्लानिंग में बफर की कमी गंभीर समस्या बन गई। उन्होंने दावा किया “हमारे पास पायलटों की कमी नहीं है। बस अन्य एयरलाइनों की तुलना में बफर स्टाफ कम था।” संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी समिति भी जल्द ही इंडिगो और DGCA अधिकारियों को तलब कर सकती है।
DGCA ने इंडिगो के CEO को 24 घंटे का अतिरिक्त समय दिया
DGCA ने इंडिगो के सीईओ और accountable manager को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 24 घंटे और दे दिए हैं। कंपनी प्रबंधन ने समय बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद उन्हें सोमवार शाम तक जवाब देने की अनुमति दी गई।






