नईदिल्ली
भारत के मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज में इस कैलेंडर वर्ष में अब तक की सबसे तेज दर से ग्रोथ हुआ है। मजबूत फैक्ट्री ऑर्डर और प्रोडक्शन की वजह से यह अप्रैल में 56.4 से बढ़कर अप्रैल में 57.2 हो गया है। यह आंकड़े एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) ने जारी किए हैं। पीएमआई के सभी सब कंपोनेंट ने इस महीने के आंकड़े में मजबूत योगदान दिया।
S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की सहायक निदेशक पोल्यान्ना डी लीमा ने कहा, "नए ऑर्डर में एक मजबूत और तेज विस्तार ने प्रोडक्शन ग्रोथ ने अप्रैल में एक और कदम आगे बढ़ाया। कंपनियों को अपेक्षाकृत मिड प्राइस प्रेशर, बेहतर अंतरराष्ट्रीय बिक्री और सप्लाई-चेन की स्थिति में सुधार से भी फायदा हुआ।"
अप्रैल में चार महीनों में विदेशी मांग में भी सबसे तेज
उन्होंने आगे कहा, "ऐसा लगता है कि भारतीय मैन्युफैक्चरर के पास आगे बढ़ने के लिए बहुत अवसर हैं। 2023 में अब तक के सबसे तेज ग्रोथ के अलावा, रोजगार सृजन के माध्यम से क्षमताओं का विस्तार किया गया था।"
नए ऑर्डर और आउटपुट दोनों दिसंबर के बाद से अपनी सबसे तेज गति से बढ़े, और मार्च में 13 महीनों में पहली गिरावट के बाद अप्रैल के दौरान फर्मों को भर्ती फिर से शुरू करने में मदद मिली। अप्रैल में चार महीनों में विदेशी मांग में भी सबसे तेज गति से विस्तार हुआ। सर्वेक्षण से पता चला है कि अप्रैल में इनपुट लागत में तेज गति से वृद्धि हुई है, हालांकि मांग में सुधार का मतलब है कि कंपनियां ग्राहकों पर कुछ बोझ डालने में सक्षम थीं। खुदरा मुद्रास्फीति के अभी धीमी होने की संभावना नहीं है।
क्या है पीएमआई
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) एक ऐसा सूचकांक होता है, जिसका उपयोग मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति का आंकलन करने के लिए किया जाता है। पीएमआई अलग-अलग कारोबारी पहलुओं पर मैनेजरों की राय के आधार पर तैयार होता है। इसमें हजारों मैनेजरों से प्रोडक्ट, नए ऑर्डर, उद्योग की उम्मीदों एवं आशंकाओं और रोजगार से जुड़ी हुई राय ली जाती है। इसके साथ ही मैनेजरों से पिछले माह की तुलना में नई स्थिति पर राय और रेटिंग देने के लिए कहा जाता है। इसके आधार पर इसको प्रत्येक महीने जारी किया जाता है।