नई दिल्ली
12वीं कक्षा की इतिहास की किताबों से मुगलों का चैप्टर हटने पर NCERT चीफ ने कहा कि इतिहास से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों पर बोझ कम करना था इसलिए दोहराव वाली चीजें हटा दी गई हैं. NCERT चीफ दिनेश प्रसाद सोलंकी ने कहा कि ये गलत है, झूठ है. मुगलों को हटाया नहीं गया है. कोविड के बाद सिलेबस कम करने की प्रक्रिया शुरू हुई, ताकि बच्चों पर लोड कम हो सके. एक्सपर्ट्स ने सिलेबस कम किया और कुछ नहीं है. छठी कक्षा से 12वीं तक एक्सपर्ट्स ने देखा और गैरजरूरी लोड बस हटा दिया है।
बता दें कि इससे पहले बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पाठ्य पुस्तकों में इतिहास की घटनाओं से छेड़-छाड़ को खतरनाक और निदंनीय बताया है। चौधरी ने मंगलवार को यहां कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) द्वारा 12 वीं कक्षा के इतिहास के पाठ्य-पुस्तक से मुगलकालीन एवं शीत युद्ध के अध्याय को हटाना भारत के इतिहास से छेड़-छाड़ करने की गहरी साजिश है। उन्होंने कहा कि जो छात्र भारत में मुगलकाल की घटनाओं से परिचित नहीं होंगे, वे आधुनिक भारत की बातों का परिपेक्ष्य एवं आधार से परिचित ही नहीं हो पायेंगे। वे कुतुब मीनार, फतेहपुर सीकरी, ताजमहल एवं लाल किला का सदर्भ कैसे समझ पायेंगे, यह सोचने की बात है।
बता देंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की संशोधित किताबों को अपने स्कूलों में चालू सत्र से ही पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया है, जिसमें 12वीं कक्षा की इतिहास की किताबों से मुगल बादशाह और दरबारों के अंश हटा दिये गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हम अपने छात्रों को एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाते हैं, जो भी संशोधित संस्करण में है उसका पालन किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव (बेसिक और माध्यमिक शिक्षा) दीपक कुमार ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने मुगल साम्राज्य से संबंधित अध्यायों को हटाकर कक्षा 12वीं के इतिहास के पाठ्यक्रम में संशोधन किया है।