नई दिल्ली.
मोदी सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स को 4,100 रुपये (50.13 डॉलर) प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया है। यह कटौती मंगलवार यानी आज से ही से प्रभावी हो गई है। इससे पहले मई में घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 6,400 रुपये प्रति टन से घटाकर 4,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया था। वहीं, सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर विंडफॉल टैक्स को शून्य कर दिया था।
सरकार ने इससे पहले घरेलू स्तर पर उत्पादित तेल पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स को शून्य से बढ़ाकर 6,400 रुपये प्रति टन करने की घोषणा की थी। सरकार ने डीजल पर निर्यात शुल्क भी खत्म कर दिया। पिछले दो हफ्तों में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर 15 दिन में टैक्स रेट की समीक्षा की जाती है।
विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की गणना किसी भी कीमत को हटाकर की जाती है, जो उत्पादकों को एक निर्धारित सीमा से अधिक भुगतान की जा रही है। भारत, जुलाई 2022 में उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया था, जो ऊर्जा कंपनियों के सुपर-सामान्य मुनाफे पर कर लगाते हैं। कच्चे तेल के उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया और गैसोलीन, डीजल और एटीएफ के निर्यात पर लेवी बढ़ा दी गई। इससे डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में कमी की भरपाई और उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी।