मध्यप्रदेश

सरकार ने आउटसोर्सिंग भर्तियों के लिए भी नियम किये तय

भोपाल

प्रदेश के सरकारी महकमों में मनमर्जी से आउटसोर्सिंग से रखे जा रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्तियों पर राज्य सरकार ने शिकंजा कस दिया है। अब इनकी भर्तियों के लिए भी नियम तय कर दिए है। इससे हटकर भर्ती नहीं की जा सकेगी।

 वित्त विभाग के उपसचिव ने आउटसोर्स के माध्यम से विशिष्ट कार्यो हेतु चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की सेवाएं प्राप्त करने के लिए सभी विभागाध्यक्षों, कमिश्नर और कलेक्टरों को निर्देश जारी किए है। इसमें कहा गया है कि सीधी भर्ती के जिन रिक्त पदों की तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर पद पूर्ति जरुरी है उनका सबसे पहले विभागाध्यक्ष द्वारा चिन्हांकन किया जाना चाहिए। आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से चिन्हित पदों के विरुद्ध मानव संसाधन सेवाएं तब तक ही प्राप्त की जाए जब तक सेवाभर्ती नियमों में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार योग्य अभ्यर्थी नियुक्त नहीं होते है।

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आउटसोर्स एजेंसी का चयन विभागाध्यक्ष अथवा उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी जो कि जिला स्तरीय अधिकारी से नीचे के स्तर का नहीं हो उसके द्वारा भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम के अनुसार किया जाए।

 विभाग द्वारा आउटसोर्स कर्मियोें की सेवाएं विभिन्न बजटीय योजनाओं जहां योजना अंतर्गत ऐसा व्यय अनुमति योग्य हो के अंतर्गत नियत शीर्ष व्यावसायिक सेवाओं हेतु अदायगिया में बजट की उपलब्धता के अध्यधीन ही प्राप्त की जाए। बजट की प्रत्याशा में आउटसोर्स एजेंसी से सेवाएं प्राप्त नहीं की जाए। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति नियमित पदों से होंने पर आउटसोर्स की सेवाएं तत्काल समाप्त की जाए। विभाग द्वारा आउटसोर्स कार्मिकों के नियमानुसार कटौत्रे एजेंसी के माध्यम से सुनिश्चित किये जाए। आउटसोर्स एजेंसी की न्यूनतम निविदा की राशि की गणना कर्मियों के लिए श्रमायुक्त द्वारा तय पारिश्रमिक, ईपीएफ, ईएसआई और एजेंसी के प्रंबधकीय शुल्क पारिश्रमिक का दस प्रतिशत के आधार पर की जाएगी। इन सेवाओं के अलावा भिन्न सेवा हेतु आउटसोर्स सेवा नियोजन करने के लिए वित्त विभाग की अनुमति जरुरी होगी।

KhabarBhoomi Desk-1

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