बाज़ार

Go First Crisis 5000 कर्मचारियों की नौकरी पर मंडराए संकट के बदल, कल NCLT करेगा सुनवाई

नईदिल्ली

 खुद को दिवालिया घोषित करने वाली एयरलाइन गो फर्स्ट के करीब 5000 कर्मचारियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि, गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने भरोसा दिया है कि एयरलाइन इस स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है और कर्मचारियों को लेकर चिंतित है।

इस बीच, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण NCLT गो फर्स्ट की दिवालिया याचिका पर सुनवाई के लिए 4 मई की तिथि निर्धारित की है। बता दें कि गो फर्स्ट ने स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही के लिए आवेदन दायर किया है। इसके साथ ही एयरलाइन ने 3 से 5 मई तक के लिए अपनी उड़ानें निलंबित कर दी है।

सीईओ ने क्या कहा
कर्मचारियों को भेजे संदेश में एयरलाइन के सीईओ कौशिक खोना ने कहा कि प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) द्वारा इंजन की आपूर्ति करने में विफल रहने से गंभीर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि एयरलाइन प्रबंधन 12 से अधिक माह से पीएंडडब्ल्यू को अतिरिक्त इंजन उपलब्ध कराने और उनकी मरम्मत के लिए भरोसा दिलाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद पीएंडडब्ल्यू बातचीत को बाधित कर रही है। खोना ने कहा कि ऐसे में एयरलाइन ने इस मामले में सिंगापुर में आपात मध्यस्थता के लिए कदम उठाया है।

कब क्या हुआ
कौशिक खोना ने बताया कि मध्यस्थ ने पीएंडडब्ल्यू को 27 अप्रैल तक कम से कम 10 सेवा योग्य अतिरिक्त इंजन पट्टे पर देने को कहा है। इसके अलावा दिसंबर, 2023 तक 10 और अतिरिक्त इंजन पट्टे पर देने का आदेश पीएंडडब्ल्यू को दिया गया है। दुर्भाग्य से, प्रैट एंड व्हिटनी ने आपात मध्यस्थता आदेश का अनुपालन नहीं करने का विकल्प चुना है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद एयरलाइन ने एक बार फिर मध्यस्थ से संपर्क किया जिसने अपने आदेश का फिर से अनुपालन करने को कहा है। हालांकि, पीएंडडब्ल्यू इसके बावजूद इस आदेश को मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में एयरलाइन ने अमेरिका की अदालत में प्रवर्तन कार्रवाई के लिए अपील की है।

खोना ने कहा कि बेड़े का आकार घटने के साथ एयरलाइन पट्टे पर विमान देने वालों के भुगतान के लिए राजस्व नहीं जुटा पा रही है। वहीं पट्टेदार एयरलाइन के खिलाफ जबरिया कार्रवाई कर रहे हैं। वे अपने विमान वापस मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस स्थिति में एयरलाइन के पास स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसका मकसद प्रभावी कदमों के जरिये कंपनी को परिचालन में बरकरार रखना है।

कर्मचारियों के लिए क्या कहा
सीईओ ने कहा-हम आपको भरोसा दिलाना चाहते हैं कि इस स्थिति से निपटने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। हम सभी कर्मचारियों को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि एक बार अंतरिम राहत के लिए आईबीसी की धारा 10 के तहत आवेदन पर विचार के बाद हम कार्रवाई योजना के बारे में अवगत कराने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे। जैसे ही एनसीएलटी से आदेश मिलेगा हम इसकी जानकारी देंगे। दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा 10 स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया से संबंधित है।

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