मध्यप्रदेश

भौगोलिक स्थिति ही नौगांव में सबसे ज्यादा ठंड की वजह ,सूर्य की किरणें कम प्रभाव से पहुंचती है

 भोपाल

मध्यप्रदेश में ठंड का मतलब पचमढ़ी नहीं नौगांव है। अक्सर सुना होगा कि प्रदेश में नौगांव का तापमान सबसे कम रहा। इस बार भी यहां रात का तापमान रिकॉर्ड  0.1 डिग्री तक चला गया है। नौगांव को अंग्रेजों ने बसाया था। इसकी भौगोलिक स्थिति ही यहां सबसे ज्यादा ठंड की वजह है। अधिकतर दिनों में इसका तापमान हिल स्टेशन पचमढ़ी से भी कम रहता है, जबकि यह न तो हिल स्टेशन है, न नदी-पहाड़ों से घिरा हुआ है। पर सवाल यह उठता है कि आखिर यह सबसे ठंडा क्यों हो जाता है। इस संबंध में मौसम विज्ञानियों का कहना है कि कर्क रेखा के उत्तर में नौगांव विशेष स्थान पर बसा है जो अक्सर ठंडा रहता है।

लॉन्ग टर्म क्लाइमेटॉलॉजी भी  : कर्क रेखा के उत्तर क्षेत्र में नौगांव छतरपुर के साथ दमोह, पन्ना ग्वालियर, सागर आदि बेल्ट आते हैं जो चट्टानी और पथरीला इलाका है। सूर्य की किरणें अलग अलग अक्षांश पर अलग-अलग एंगल और प्रभाव से यहां पड़ती हैं। जिस स्थान पर सूर्य की किरणें कम प्रभाव से पहुंचती है वहां पर ठंडक ज्यादा रहती है। नौगांव भी इसी तरह के एक स्थानों में से एक है।  वैज्ञनिक भाषा में इसको लॉन्ग टर्म क्लाइमेटॉलॉजी भी कहा जाता है। ठंड के समय सूर्य की किरणों का डायरेक्शन उत्तर की ओर से होता है।

रात की सिरहन बरकरार, संक्रांति से बढ़ेगी ठंड
पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी का सिलसिला जारी है। हालांकि, हवाओं का रुख बदलने से मध्य प्रदेश के सभी जिलों में रात का तापमान बढ़ने लगा है। इससे कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिलने लगी है। मध्य प्रदेश में सबसे कम 2.5 डिग्री से. तापमान नौगांव में दर्ज किया गया। सिर्फ छतरपुर जिले में शीतलहर का प्रभाव रहा। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने  पर मकर संक्रांति पर फिर कड़ाके की सर्दी का सिलसिला शुरू हो सकता है।

KhabarBhoomi Desk-1

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