बिहार

औद्योगिक सुरक्षा बढ़ाने बिहार में BISF का गठन, CISF मॉडल पर आधारित

पटना 
 बिहार में उद्योग लगाने वालों को अब सुरक्षा के लिए केंद्र की ओर नहीं देखना पड़ेगा. राज्य सरकार खुद एक ऐसी फोर्स बनाने जा रही है, जो हर बड़े उद्योग और निवेशक के लिए सुरक्षा का पर्सनल बॉडीगार्ड बनकर खड़ी रहेगी.

राज्य में बड़े निवेश को आकर्षित करने और उद्योगपतियों के भरोसे को मजबूत करने के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तर्ज पर बिहार इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (BISF) के गठन की योजना तैयार की जा रही है. प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और उद्योग मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल का कहना है कि यह फोर्स निवेशकों को समर्पित सुरक्षा देगी और उद्योगों में सुरक्षित माहौल तैयार करेगी.
क्यों जरूरी हुई BISF?

बिहार में लगातार निवेश के अवसर बढ़ रहे हैं. सरकार औद्योगिक क्लस्टरों का विस्तार कर रही है और देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित कर रही है. लेकिन लंबे समय से उद्यमियों की एक आम शिकायत रही है—सुरक्षा.
उद्योगपतियों ने कई बार कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थायी और सक्षम व्यवस्था की जरूरत है, ताकि निवेश करते समय किसी जोखिम का डर न रहे. इसी कमी को दूर करने के लिए बीआईएसएफ को नए सुरक्षा मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है. यह फोर्स न सिर्फ उद्योग परिसर की सुरक्षा करेगी, बल्कि पूरे औद्योगिक क्षेत्र की निगरानी भी संभालेगी.

कैसी होगी नई BISF फोर्स और कैसे करेगी काम?

नई बनाई जाने वाली BISF एक विशेषीकृत सुरक्षा इकाई होगी, जो पूरी तरह उद्योगों की सुरक्षा पर केंद्रित रहेगी. इसमें बिहार पुलिस के चुनिंदा और अनुभवी जवानों को शामिल किया जाएगा. नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के एक अधिकारी के हाथों में होगा, जबकि डीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी भी इस फोर्स का हिस्सा होंगे.

इस फोर्स का मुख्यालय किसी प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित करने की योजना है, ताकि त्वरित कार्रवाई और प्रभावी नियंत्रण संभव हो. बीआईएसएफ की तैनाती मांग पर भी की जा सकेगी. चाहे कोई नया उद्योग लगाया जा रहा हो या पुरानी इकाई ही क्यों न हो.
26,000 करोड़ का नया रोडमैप

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हालिया बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि बिहार अब देश के अग्रणी निवेश केंद्रों में जगह बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास के अगले चरण के लिए 26,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

बैठक की जानकारी एक्स पर साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योग विभाग भारत और विदेश के प्रमुख बिजनेस हब में बड़े स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित करेगा. उद्देश्य यह है कि टॉप इंडस्ट्रियल ग्रुप बिहार में यूनिट लगाने के लिए प्रेरित हों.

BISF का गठन उसी रणनीति का हिस्सा है, एक ऐसा सुरक्षा ढांचा बनाना, जो निवेशकों को बिना किसी भय के उद्योग स्थापित करने का भरोसा दे.
उद्योगपति और निवेशक कैसे होंगे लाभान्वित?

BISF गठन के बाद राज्य में एक “इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी इकोसिस्टम” खड़ा होगा. उद्यमियों को यह भरोसा मिलेगा कि उनकी इकाइयों की सुरक्षा के लिए एक समर्पित फोर्स मौजूद है. इससे उद्योग लगाने की इच्छा बढ़ेगी और पुरानी इकाइयां भी विस्तार में दिलचस्पी लेंगी.
सुरक्षा की समस्या दूर होने से न सिर्फ बड़े उद्योग आएंगे, बल्कि छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग भी सुरक्षित वातावरण में विकास कर सकेंगे.
बिहार का उद्योग पर फोकस

राज्य सरकार साफ संदेश दे रही है कि निवेशक बिना डर के आएं, बाकी जिम्मेदारी राज्य संभालेगा, भूमि, सुविधा, सुरक्षा और प्रशासनिक सहयोग. BISF औद्योगिक क्लस्टर और निवेशक सम्मेलनों के जरिए सरकार एक नया औद्योगिक बिहार तैयार करने के मिशन पर है.

यह कदम यह भी संकेत देता है कि बिहार अब रोजगार, निवेश और उद्योग के बड़े नक्शे पर अपनी जगह मजबूत करना चाहता है. अगर BISF का मॉडल सफल रहा, तो आने वाले वर्षों में बिहार देश के सबसे तेजी से उभरते औद्योगिक राज्यों में शामिल हो सकता है.

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