कर्नाटक
देश के कई राज्यों में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कर्नाटक में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश में जहां स्थिति बिगड़ रही है, उस बीच यहां पर कोरोना वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है।
रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक में बूस्टर डोज देने के लिए वैक्सीन की डोज खत्म हो गई है। प्रदेश सरकार ने केंद्र से वैक्सीन की नई खेप मांगी थी, जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया है। प्राइवेट अस्पतालों में भी हालात मुश्किल हैं।
जनवरी माह में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। मार्च में कोरोना से मरने वालों की संख्या 12 तक पहुंच गई है। अप्रैल माह में हर रोज औसतन एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई है। जब कोरोना के मामले पिछले साल दिसंबर माह में चीन में बढ़े तो कर्नाटक में फरवरी माह तक टीकाकरण अभियान चलाया गया। उसके बाद से यहां पर कोरोना की वैक्सीन खत्म हो गई है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव टीके अनिल कुमार ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से मार्च माह के तीसरे हफ्ते कोर्बावेक्स की डोज मांगी थी। लेकिन 7 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग ने हमे बताया कि वह कोरोना वैक्सीन की डोज को सप्लाई नहीं करेंगे। यानि इससे स्पष्ट है कि अब कर्नाटक सरकार को वैक्सीन निर्माताओं से सीधे खरीदनी होगी। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि हम अगले हफ्ते वैक्सीन खरीदने पर इसके दाम और उपलब्धता के आधार पर फैसला लेंगे।
वायरोलोजिस्ट डॉक्टर जैकब जॉन ने कहा कि गुर्दे और दिल की गंभीर बीमारी, मधुमेह, हाइपरटेंशन, मोटापा से जूझ रहे लोगों के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज काफी अहम है। इन लोगों को बूस्टर डोज जरूर लेनी चाहिए, लेकिन इसके अलावा अन्य लोगों को भी यह बूस्टर डोज लेनी चाहिए। अधिकतर बेगलुरू के अस्पतालों का कहना है कि हमने वैक्सीन को खरीदना बंद कर दिया है क्योंकि इसकी मांग काफी कम हो गई है।