
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। देश के सबसे बड़े फुटबॉल क्लबों में शुमार ईस्ट बंगाल के समर्थकों के दो गुट बुधवार को आपस में ही भिड़ गए। पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रित किया गया। एक गुट क्लब की कार्यकारी समिति के अधिकारियों के समर्थन में तो दूसरा विरोध में है।
विरोधी गुट ने पहले ही क्लब टेंट के सामने विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया था, जिसे देखते हुए वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। बुधवार दोपहर विरोधी गुट के सदस्य सैकड़ों की तादाद में लेस्ली क्लाउडियस स्ट्रीट स्थित क्लब टेंट के पास पहुंचे और क्लब अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। थोड़ी देर में क्लब अधिकारियों के समर्थक गुट के सदस्य भी वहां जुटने शुरू हो गए। दोनों पक्षों में पहले बहस छिड़ी, फिर मारपीट शुरू हो गई। पुलिस ने हस्तक्षेप कर हालात को नियंत्रित किया। झड़प में किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है। कुछ लोगों को मामूली चोट आई है।
विरोधी गुट के सदस्य क्लब के वरिष्ठ अधिकारी देवब्रत सरकार के इस्तीफे और प्रायोजक के साथ क्लब के जल्द से जल्द करार की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रायोजक के साथ करार नहीं होने से क्लब के भविष्य पर सवालिया निशान लगता जा रहा है। इसकी वजह क्लब के वरिष्ठ अधिकारी देवब्रत सरकार हैं। उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले प्रायोजक श्री सीमेंट ने भी आरोप लगाया था कि क्लब के कुछ अधिकारियों के कारण करार पर हस्ताक्षर में विलंब हो रहा है। पता चला है कि क्लब की कार्यकारी समिति के कुछ पदाधिकारी प्रायोजक के साथ अंतिम करार पर हस्ताक्षर करने के पक्ष में नहीं हैं।
इस बीच अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआइएफएफ) के महासचिव कुशल दास ने कहा कि एआइएफएफ इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा दास ने कहा कि उन्होंने कोलकाता में हुई घटना के बारे में सुना है। यह क्लब व प्रायोजक के बीच का मामला है। इसमें एआइएफएफ अऔर इंडियन फुटबॉल एसोसिएशन के हस्तक्षेप करने का सवाल ही नहीं है।
आइएसएल का आठवां संस्करण 19 नवंबर से गोवा में
कुशल दास ने बताया कि इंडियन सुपर लीग (आइएसएल) का आठवां संस्करण 19 नवंबर से गोवा में शुरू होगा। ईस्ट बंगाल के लिए स्थिति अच्छी नहीं है। उसे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना होगा क्योंकि ट्रांसफर विंडो एक अगस्त को खत्म होने वाला है। इसका निपटारा नहीं कर पाने तक वह टीम गठित नहीं कर पाएगी।