विदेश

आर्थिक मंदी से हांफ रहा ड्रैगन, बेरोजगारी का डेटा रिलीज करने पर भी चीन ने लगाई पाबंदी

बीजिंग
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दावा करने वाले चीन ने व्यापक आर्थिक मंदी के बीच युवा बेरोजगारी पर मासिक डेटा जारी करने पर रोक लगा दिया है। चीन की सरकार की तरफ से ऐसा तब किया गया है, जब देश में युवा बेरोजगारी की दर ऐतिहासिक ऊंचाई पर है। यह निलंबन चीन की युवा बेरोजगारी दर के हाल के महीनों में लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद आया है। अप्रैल से जून तक, 16 से 24 साल के बच्चों के लिए बेरोजगारी दर क्रमशः 20.4%, 20.8% और 21.3% तक पहुंच गई।

इस खबर की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है और लोग चीन की सरकार का मजाक उड़ा रहे हैं। जीरो कोविड पॉलिसी से पैदा हुए आर्थिक नुकसान से चीन अबतक रिकवर नहीं कर पाया है। इस बीच, मंगलवार को आधिकारिक डेटा में बताया गया है कि जुलाई में चीन में आर्थिक मंदी गहरा गई है। मंदी के बीच चीन के केंद्रीय बैंक ने अप्रत्याशित रूप से प्रमुख ब्याज दर में कटौती की है।

जून में एक सर्वेक्षण में 16 वर्ष से 24 वर्ष तक की आयु के शहरी कामगार युवाओं में बेरोजगारी 21.3 प्रतिशत पाई गई और आबादी का यह हिस्सा महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने पर काम नहीं पा सका। इससे पहले, राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने हर महीने 16 से 24 साल के बच्चों के लिए शहरी बेरोजगारी दर का खुलासा किया था।

एनबीएस के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने बताया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मौजूदा आंकड़ों में "सुधार की जरूरत है।" जून में एक सर्वेक्षण में 16 वर्ष से 24 वर्ष तक की आयु के शहरी कामगार युवाओं में बेरोजगारी 21.3 प्रतिशत पाई गई थी। आबादी का यह हिस्सा कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के बावजूद काम नहीं पा सका है।

हालांकि, आयु वर्ग के आधार पर बेरोजगारी दर का प्रकाशन संदिग्ध है, जबकि राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो इस पर विचार कर रहा है कि वह डेटा का मापन कैसे करे। बयूरो के प्रवक्ता फु लिंघुई ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण में पाया गया कि शहरी कामगारों के बीच संपूर्ण बेरोजगारी 5.3 प्रतिशत है, जो जून से 0.1 प्रतिशत तक अधिक है। फु ने संवाददाता सम्मेलन में कहा,''बेरोजगारी की स्थिति आमतौर पर स्थिर है।''

      फु के मुताबिक, उपभोक्ता व्यय में वृद्धि एक साल पहले के जुलाई महीने की तुलना में, पिछले महीने 3.1 प्रतिशत से घटकर 2.5 प्रतिशत रह गई है। मंगलवार को जारी हुए आंकड़े के मुताबिक, फैक्टरी उत्पादन में वृद्धि 4.4 प्रतिशत से घटकर 3.7 प्रतिशत रह गई है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए अमेरिका, यूरोपीय केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर घटाने के बाद निर्यात मांग घटने पर ऐसा हुआ। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने बैंकों को एक सप्ताह के ऋण पर ब्याज दर 1.9 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत कर दिया है।

 

KhabarBhoomi Desk-1

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