छत्तीसगढ़

डॉ रमन, चंदेल, साव 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर कराने राजभवन क्यों नही जाते? : कांग्रेस

रायपुर

भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने जनसंख्या के आधार पर एससी 32 प्रतिशत, ओबीसी 27 प्रतिशत, एससी 13 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस वालों को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के लिए 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन बिल पास किया है उसके पक्ष में है कि विरोध में? अगर भाजपा 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन बिल के पक्ष में है, प्रदेश की आरक्षित वर्ग की भला चाहती है तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव अब तक राजभवन जाकर आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करने की मांग क्यों नहीं की? प्रदेश का हर वर्ग राजभवन जाकर उक्त बिल में हस्ताक्षर की मांग कर चुके हैं, सिर्फ भाजपा अब तक आरक्षण बिल को लेकर राजनीति कर रही है, बयानबाजी कर रही है लेकिन राजभवन नहीं जा रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के पास अब मुद्दा नहीं बचा है 2023 के चुनाव में भाजपा आखिर किस मुंह से जनता के बीच जाएगी इसीलिए भाजपा राजभवन की आड़ में छिपकर अपने आरक्षण विरोधी मंसूबे को पूरा कर रही है। कई बार सार्वजनिक तौर पर भाजपा और आरएसएस के नेताओं ने इस देश से आरक्षण को खत्म करने की बात कर चुके हैं और बीते 9 साल में केंद्र की भाजपा सरकार सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर आरक्षित वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को खत्म कर रही है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा प्रदेश के 76 प्रतिशत आरक्षण बिल को लेकर षड्यंत्रकारी राजनीति कर रही है।

ठाकुर ने कहा कि पूरा देश देख रहा है, गैर भाजपा शासित राज्यों में किस प्रकार से राजभवन के कार्यों पर भाजपा के नेता अनैतिक राजनीति कर रहे हैं और राज्य सरकारों के द्वारा जनहित में जो विधेयक पारित कराए जाते हैं उसे रोकने का षड्यंत्र करते हैं। छत्तीसगढ़ में भी आरक्षण विधेयक सहित कई बिल राजभवन में हस्ताक्षर के इंतजार में अभी तक अटका हुआ हैं जिसका नुकसान इस प्रदेश के दो करोड़ 90 लाख जनता को हो रहा है। राजभवन को चाहिए कि प्रदेश की जनता के हित में उक्त सभी बिलों पर हस्ताक्षर करके अपना धर्म निभाये।

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