
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा। भारत का सिर गर्व से उंचा करने वाले इस खिलाड़ी कि वजह से एक दशक बाद फिर से ओलिंपिक में तिरंगा सबसे उपर लहराया और जब राष्ट्रगान बजा तो माने सारे भारतवासियों का दिल भर आया। वो सम्मान वो प्रतिष्ठा जो इस बड़े मंच पर नीरज ने देश को दिलाई इसके लिए पूरा भारत इस युवा एथलीट का सदा आभारी रहेगा।
शनिवार 7 अगस्त की शाम को नीरज चोपड़ा ने सदा से लिए यादगार बनाते हुए इतिहास के पन्नें में नाम दर्ज कराया। 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंक इस होनहार खिलाड़ी ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया। व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज भारत के महज दूसरे खिलाड़ी बने। ओलिंपिक में भारत की शान बढ़ाया और गर्व का पल जीने का मौका दिया।
सबसे उपर लहराया तिरंगा, गूंजा राष्ट्रगान
पोडियम में पहले स्थान पर नीरज चोपड़ा खड़े थे और तिरंगे को सबसे उपर लहराते हुए देश गर्व से भरे जा रहे थे। बरसो की मेहनत रंग लाई और जब राष्ट्रगान स्टेडियम में गूंजा को जैसे नीरज की आंखें भर आई। भावुक होकर यह एथलीट तिरंगे की तरफ देखे जा रहा था।
अभिनव बिंद्रा ने 2008 में जीता था गोल्ड
बीजिंग ओलिंपिक में 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीतकर ऐसे ही गर्व के पल को भारत को जीने का मौका दिया था। 12 साल पहले ऐसे ही भारतीय पोडियम पर सबसे उपर खड़ा था और तिरंगा सबसे उंचा लहरा रहा था। राष्ट्रगान बजते ही अभिनव सम्मान और गर्व से भर आए थे। वो पल सभी के जहन में ताजा हो गई जब नीरज को गोल्ड मेडल दिया गया।